भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर अब धीरे-धीरे युद्ध की आहट आनी शुरू हो गई है। पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमले के जवाब में भारत लगातार जवाबी कार्रवाई कर रहा है। इस बीच खबर है कि लाहौर के बाद भारत ने चकलाला स्थित एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया। ऐसे में अगर ये शुरुआती हमले जंग में तब्दील होते तो इससे पाकिस्तान को कितना नुकसान होगा? क्या पाकिस्तान बुरी तरह नष्ट हो जाएगा? ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान के पास अनाज खरीदने को पैसे नहीं है और दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था से जंग लड़ने के लिए आह्वान कर रहा है। ऐसे में आइये जानते हैं पाकिस्तान की हकीकत क्या है?

10 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लंबे समय से संकट में है। आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक जैसी संस्थाओं के सहारे जी रहा पाकिस्तान भारी कर्ज, बढ़ती महंगाई और कम विकास दर से जूझ रहा है। आईएमएफ ने कल ही पाकिस्तान को 100 करोड़ रुपये की मदद की है। पाकिस्तान का कुल विदेशी कर्ज 131 अरब डॉलर के पार जा चुका है। वहीं उसके पास सिर्फ 10 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है जोकि तीन महीनों की जरूरतों को पूरा कर सकता है।

पाकिस्तान को आईएमएफ ने 2023 में 7 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज दिया था। मार्च 2024 में जलवायु परिवर्तन के लिए 1.3 अरब डॉलर का एडिशनल पैकेज दिया। पाकिस्तान फिलहाल आईएमएफ के बेलआउट पैकेज पर टिका है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि पाकिस्तान भारत के सामने कितने दिन टिक पाएगा। अगर भारत के साथ युद्ध छिड़ता है तो एक दिन का खर्च ही 2000 करोड़ के आसपास होता है। ऐसे में पाकिस्तान के लिए आईएमएफ का बेलआउट पैकेज तो ऊंट के मुंह में जीरे के समान होगा।

384 अरब डॉलर की जीडीपी
पाकिस्तान ने यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान चोरी-छिपे यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई की थी। ऐसे में फिलहाल उसके पास हथियारों की कमी भी है। ऐसे में वह अपने मित्र देशों जैसे चीन और तुर्किए से मदद मांग रहा है। हालांकि दोनों देशों अभी कोई विशेष मदद पाकिस्तान को नहीं मिली है। पाकिस्तान की जीडीपी 384 अरब डॉलर की है। जबकि भारत की अर्थव्यवस्था 4.3 ट्रिलियन डॉलर की है। इसके अलावा का रक्षा बजट 7 लाख करोड़ रुपये का है। जबकि पाकिस्तान की सेना का बजट 40-50 हजार करोड़ का है। ऐसे में पाकिस्तान के लिए यह युद्ध पूर्ण रूप से विनाशकारी हो सकता है।

दक्षिण एशिया की सबसे कमजोर इकोनॉमी
वर्ल्ड बैंक के अनुसार पाकिस्तान की इकोनॉमी में राजकोषीय और चालू खाता घाटे की ऊंची दरों जैसी समस्याओं से जूझ रही है। इसके अलावा कृषि क्षेत्र की उपलब्धता, व्यापार का मुश्किल वातावरण, उर्जा क्षेत्र में भारी भरकम कर्ज जैसी समस्याएं भी हैं। 2024-25 में 18 से अधिक पाकिस्तानी गरीबी रेखा से नीचे चले जाएंगे। इस बार गरीबी दर 42.3 प्रतिशत रहने की संभावना है। बता दें कि वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को दक्षिण एशिया की सबसे कमजोर इकोनॉमी बताया था।