महाराष्ट्र के जलगांव में एक सेना का जवान अपनी शादी के दो दिन बाद अपने देश की सेवा के लिए सरहद पर लौट गया और अपनी ड्यूटी पर पहुंच गया. शादी के दिन बाद ही उन्हें बुलाया गया तो उनकी दुल्हन ने भी इनकार नहीं किया और नम आंखों के साथ ये कहते हुए अपने पति को विदा किया कि उनका सिंदूर देश के नाम है. इसके साथ ही ये भी कहा कि उन्हें अपने पति पर गर्व है.
दरअसल, पाचोरा तहसील के खेड़गांव नंदिचे गांव के रहने वाले सैनिक मनोज ज्ञानेश्वर पाटिल ने शादी के महज दो दिन बाद ही कर्तव्य की पुकार पर देश सेवा के लिए घर छोड़ दिया. 5 मई को उनकी शादी यामिनी नाम की युवती से हुई थी, लेकिन शादी के तुरंत बाद ही उनका सीमा पर ड्यूटी के लिए बुलावा आ गया. मनोज ने देशभक्ति की मिसाल कायम करते हुए अपनी पत्नी को भरोसा दिलाकर ड्यूटी जॉइन कर ली.
“मेरा सिंदूर देश के नाम”
शादी के बाद 7 मई को उन्होंने पचोरा रेलवे स्टेशन से अपनी तैनाती स्थल के लिए प्रस्थान किया. जब उनके परिवार वाले पत्नी, माता-पिता और रिश्तेदार उन्हें विदा करने पहुंचे तो सभी की आंखें नम थीं, लेकिन चेहरों पर देशभक्ति का गर्व भी साफ झलक रहा था. इस मौके पर पत्नी यामिनी ने कहा, “मेरा सिंदूर देश के नाम है. मुझे गर्व है कि मेरा पति देश की सेवा कर रहा है.” यामिनी की आंखों में आंसू और हाथों में अब भी मेहंदी की रौनक थी.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम
कश्मीर के पहलगाम में हुए पाकिस्तानी आतंकवादी हमले के जवाब में भारत सरकार ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया. इस अभियान में 9 ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर आतंकियों को ढेर किया गया. इसके बाद सभी छुट्टी पर गए सैनिकों को वापस ड्यूटी पर बुला लिया गया. क्योंकि हालात युद्ध जैसे बन चुके हैं.
मनोज पाटिल के इस फैसले की इलाके भर में सराहना हो रही है. पचोरा स्टेशन पर उन्हें विदा करते समय गांव के लोगों ने भी जयकारे लगाए. मौके पर सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी विजय सिंह पाटिल का भी अभिनंदन किया गया. मनोज ने रवाना होते हुए कहा कि हमारे जवान एक नहीं, बल्कि दस आतंकवादियों को मार गिराएंगे. विजय हमारी ही होगी.