ऑपरेशन सिंदूर के बाद बुधवार को विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ दो महिला अधिकारी सेना के इस ऑपरेशन की जानकारी मीडिया को देने आईं. इनमें से एक हैं कर्नल सोफिया कुरैशी और दूसरी विंग कामांडर व्योमिका सिंह. व्योमिका सिंह एक कुशल हेलीकॉप्टर पायलट हैं. व्योमिका सिंह के बारे में बताया जाता है कि उन्होंने कई तरह के विमान उड़ाए हैं.

यहीं नहीं विंग कामांडर व्योमिका सिंह जटिल हालातों से नागरिकों को सुरक्षित निकालने वाले अभियानों का भी हिस्सा रही हैं. उन्होंने 2023 में एक कार्यक्रम में इस बात के बारे में बताया था कि कैसे उनके नाम ने उनके पायलट बनने के सफर में उनकी सहायता की. ये कार्यक्रम एक चैनल द्वारा आयोजित किया गया था. कार्यक्रम में पैनल चर्चा के समय उन्होंने बताया कि मैं छठी क्लास में थीं, जब मुझे ये एहसास हुआ.

90 के दशक की शुरुआत की बात
विंग कमांडर ने बताया कि हम क्लास में नामों के मतलब पर चर्चा करते थे. तभी कोई चिल्लाया और कहा कि तुम्हारा नाम व्योमिका है, जिसका मतसलब है आकाश. इसका मतलब आसमान तुम्हारा है. बस उस दिन से मैं पायलट बनना चाहती थी. उन्होंने बताया कि ये 90 के दशक के शुरुआत की बात है. नारी शक्ति के विषय में हुई उस चर्चा में विंग कमांडर ने अपने वायुसेना में शामिल होने और पायलट बनने के सफर का जिक्र भी किया.

2500 से ज्यादा उड़न घंटे का अनुभव
आंखों में पायलट बनने का सपना देखने से लेकर उन्होंने 2500 से ज्यादा उड़न घंटे पूरे किए हैं. व्योमिका सिंह ने कुछ ऐसे इलाकों में हेलीकॉप्टर उड़ाएं हैं, जो देश के चुनौतीपूर्ण इलाकों में शामिल हैं. इसमें जम्मू-कश्मीर के ऊचांई वाले और पूर्वोत्तर के दूरदराज के इलाके शामिल हैं. साल 2020 में अरुणाचल प्रदेश में बचाव अभियान चलाया गया था.

2004 में वायुसेना में कमीशन प्राप्त किया
इस बचाव अभियान का नेतृत्व व्योमिका सिंह के हाथों में था. उन्होंने तब लोगों को बचाने के लिए बेहद मुश्किल हालातों में उडान भरी. उन्होंने इस बारे में भी बताया कि ये एक शानदार अनुभव रहा. बता दें कि विंग कामांडर व्योमिका सिंह लखनऊ की रहने वाली हैं. उन्होंने भारतीय वायु सेना में 18 दिसंबर, 2004 को 21वें शॉर्ट सर्विस कमीशन के रूप में कमीशन प्राप्त किया.

इसके बाद साल 2017 में वो विंग कमांडर के पद तक पहुंचीं. उन्हें दिसंबर 2019 में स्थायी कमीशन मिला. व्योमिका सिंह के पति भी वायुसेना में पायलट हैं.