पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को बड़ा आरोप लगाया कि राज्य में दंगे भड़काने के लिए बाहरी लोगों को लाया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे भाजपा और धार्मिक चरमपंथियों के बहकावे में आकर आपस में झगड़ा न करें। बता दें कि ममता बनर्जी मुर्शिदाबाद जिले के दंगा प्रभावित इलाकों के दो दिवसीय दौरे पर हैं। मंगलवार को वह शमशेरगंज पहुंचीं और वहां पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, 'बंगाल में दंगे भड़काने के लिए बाहरी लोगों को लाया जा रहा है। उनके बहकावे में न आएं, भाजपा या किसी धार्मिक चरमपंथी की बात सुनकर आपस में फूट न डालें।'

बंगाल में लागू नहीं होगा वक्फ संशोधन अधिनियम- ममता

सीएम ममता ने इस दौरान वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की और कहा कि इसे बंगाल में लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'इस कानून को लेकर हिंसा करना गलत है। इसे बंगाल में लागू करने का सवाल ही नहीं उठता। मैं सभी को आश्वस्त करती हूं कि राज्य सरकार आपकी चिंता समझती है।' आपको बता दें कि अप्रैल के दूसरे सप्ताह में वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में मुर्शिदाबाद के धुलियान, शमशेरगंज और सूती में हिंसा भड़क उठी थी। इन दंगों में तीन लोगों की मौत हो गई थी, कई लोग घायल भी हुए थे।

पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद मिलेगी- सीएम

मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को हरसंभव सरकारी मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा, 'राज्य सरकार आपके साथ है। हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।' ममता बनर्जी मंगलवार को हेलीकॉप्टर से शमशेरगंज पहुंचीं और स्थानीय ब्लॉक कार्यालय में पीड़ित परिवारों के साथ बैठक की। उन्होंने प्रशासन को नुकसान का आकलन करने और जल्द से जल्द राहत प्रदान करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री की सुरक्षा के मद्देनजर इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब जिले में तनाव अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।

कोलकाता हाईकोर्ट ने प्रदर्शन की इजाजत दी

इस बीच, कोलकाता हाईकोर्ट ने मंगलवार को मुर्शिदाबाद और मालदा जिले के लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की इजाजत दे दी। यह प्रदर्शन पिछले महीने हुई हिंसा के खिलाफ होगा। कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शन में अधिकतम 200 लोग हिस्सा लेंगे और इसे शाम 4 बजे तक खत्म करना होगा। जस्टिस तीर्थंकर घोष ने यह भी आदेश दिया कि प्रदर्शन के दौरान आम लोगों की आवाजाही और यातायात में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए। प्रदर्शनकारियों को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अधिकारी को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपने की अनुमति दी गई है। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने शुरुआत में आयोग के कार्यालय के सामने धरना देने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट के निर्देश के बाद सभी पक्षों की सहमति से इसे साल्ट लेक के सेंट्रल पार्क के पास आयोजित करने का फैसला किया गया।

हिंसा फैला रहे बंगाल के दुश्मन- सीएम

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले भी सख्त लहजे में कहा था कि बंगाल में दंगे भड़काने वाले लोग राज्य के दुश्मन हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि राज्य सरकार ऐसे तत्वों के खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।