
भोपाल: अब प्रभारी मंत्री तय करेंगे कि किस अधिकारी को जिले में कहां पदस्थ किया जाए या उनसे क्या काम लिया जाए। अभी व्यवस्था यह है कि सरकार राज्य पुलिस सेवा या राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को जिले में स्थानांतरित करती है और कलेक्टर उसे वहां पदस्थ करते हैं। अब इसके लिए कलेक्टर को प्रभारी मंत्री से सहमति लेनी होगी। इसके बाद ही पदस्थापना की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि पुलिस मुख्यालय ने सरकार से यह अधिकार मांगा था कि जिले के भीतर पदस्थापना का अधिकार पुलिस अधीक्षक को दिया जाए, जिस पर सहमति नहीं बनी और प्रस्ताव वापस कर दिया गया। वर्ष 2025-26 की स्थानांतरण नीति में सरकार ने जिले के भीतर स्थानांतरण और पदस्थापना में प्रभारी मंत्री को अधिकार दिए हैं। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की जिले में पदस्थापना सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा की जाएगी। जिले में उपखंड या उपखंड परिवर्तन में डिप्टी कलेक्टर या संयुक्त कलेक्टर की पदस्थापना कलेक्टर करेंगे, लेकिन इसके लिए प्रभारी मंत्री से परामर्श कर सहमति लेनी होगी। सहमति के बाद ही आदेश जारी किए जा सकेंगे।
यही व्यवस्था तहसीलदार, अतिरिक्त तहसीलदार और नायब तहसीलदार के संबंध में भी लागू होगी। पुलिस अधीक्षक प्रभारी मंत्री से परामर्श के बाद जिले में पुलिस उपाधीक्षक से नीचे के स्तर के अधिकारियों की तैनाती करेंगे।