लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी (Satish Dwivedi) के छोटे भाई अरुण द्विवेदी ने आखिरकार अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सतीश द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी EWS कोटे (आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य अभ्यर्थी) के तहत सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त हुए थे. इस नियुक्ति को लेकर काफी विवाद हुआ. BJP विपक्ष के भी निशाने पर आ गई. 

 

इस्तीफा मंजूर
जानकारी के मुताबिक अरुण द्विवेदी (Arun Dwivedi) का इस्तीफा कुलपति सुरेंद्र दुबे ने मंजूर भी कर लिया है. अरुण द्विवेदी ने इस्तीफे की वजह व्यक्तिगत कारण बताए हैं. अरुण दुबे सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंटे प्रोफेसर के पद पर नियुक्त थे, हाल ही में उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया था. 


'बड़े भाई के सम्मान से बढ़ कर कुछ भी नहीं'
अरुण द्विवेदी ने इस्तीफा देने के बाद एक पत्र जारी कर कहा है, 'मेरी नियुक्ति 21.5.21 को असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग में मेरी योग्यता (PHD, MA- मनोविज्ञान, गोल्ड मेडलिस्ट) के आधार पर निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत हुई थी. लेकिन दुर्भाग्य से मेरे कार्यभार ग्रहण करने के तुरंत बाद ही बड़े भाई सतीश द्विवेदी की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया.' अरुण द्विवेदी ने कहा है कि वह नहीं चाहते हैं कि उनके कारण उनके भाई पर बेबुनियाद आरोप लगें. 

 

'आर्थिक स्थिति के आधार पर किया आवेदन'
अरुण द्विवेदी ने कहा कि वह मानसिक संत्रास की स्थिति से गुजर रहे हैं और उनके लिए परिवार और उनके बड़े भाई सतीश द्विवेदी के सामाजिक और राजनीतिक सम्मान से ज्यादा अहमियत किसी भी चीज की नहीं है. अरुण द्विवेदी ने दावा किया कि नवंबर 2019 में आवेदन के समय उन्होंने अपनी आर्थिक आर्थिक स्थिति के अनुसार EWS का प्रमाण पत्र बनवाकर आवेदन दिया था. बाद में उच्च शिक्षा में सेवारत लड़की का शादी का प्रस्ताव आने पर अपने जीवन की बेहतरी का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि इस भर्ती के लिए उन्होंने सारी प्रक्रियाएं पूरी की थीं और सतीश द्विवेदी की इसमें कोई भूमिका नहीं है.