जयपुर। आरजीएचएस योजना में गलत तरीके से भुगतान उठाने वाले निजी अस्पताल और दवा दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस योजना में प्राप्त होने वाले दावों के क्यूसीपीए सेल द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक के माध्यम से विश्लेषण करने पर गडबड़ी पकडी गई है। इस प्रक्रिया को समझाने के लिए इस योजना में पंजीकृत निजी अस्पताल और फार्मेसी स्टोर्स के साथ वित्त विभाग और राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी के अधिकारियों ने व्यापक चर्चा की।
अनुमोदित चिकित्सालय तथा निजी फार्मेसी संचालकों को ऑनलाईन वेबिनार में प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभिन्न उदाहरण दिये गए तथा उनसे अपेक्षा की गई है कि वे योजना के तहत गलत दावे प्रस्तुत करने से बचें। उन्हें बताया गया कि नियम विरूद्ध राजकीय राशि का दुरूपयोग का प्रयास अनुचित है तथा ऐसा करना पाए जाने पर योजना से निलम्बन और भारी जुर्माने के साथ ही रजिस्ट्रेशन निलम्बन व निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। हाल ही में दोषी पाये गये अस्पतालों तथा फार्मेसी का निलम्बन कर 10 करोड रू. से अधिक का जुर्माना वसूल किया गया है, दोषी कार्मिकों के आरजीएचएस कार्ड निलंबित किये गये हैं।
बैठक में समझाया गया कि योजना कार्मिकों व पेंशनरों के लिए कैशलेस उपचार के लिए संचालित है और इसमें किसी भी प्रकार की धांधली का प्रयास सहन नहीं किया जाएगा। जो निजी अस्पताल या फार्मेसी अकारण भ्रम फैला रहे हैं, उन्हें भी योजना से पृथक किया जाएगा। ज्यादातर अस्पताल व फार्मेसी तथा लाभार्थियों के सम्बन्ध में कोई कार्रवाई विचाराधीन नहीं है, ऐसे में योजना को राज्य सरकार की मंशा के अनुसार सुचारू रूप से संचालित किया जाए। बैठक में आईपीडी, ओपीडी तथा फार्मेसी के संबध में आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किये गए। वेबिनार में 700 से ज्यादा अस्तपतालों तथा 1000 से ज्यादा निजी फार्मेसी दुकानों के संचालकों ने भाग लिया।