भोपाल: केन्द्र की मोदी सरकार देश में जातिगत जनगणना कराने जा रही है. 74 साल बाद होने जा रही जातिगत जनगणना के सरकार के फैसले के बाद अब इसके श्रेय लेने की होड़ शुरू हो गई है. मध्य प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस नेता पत्रकारों से रूबरू हुए और कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी पिछले पांच सालों से देश में जातिगत जनगणना कराने के लिए सरकार पर दवाब बना रहे थे. इसी के चलते सरकार इसके लिए मजबूर हुई है.
उधर कांग्रेस अब राहुल गांधी का आभार जताने के लिए मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बड़ा सम्मेलन करने जा रही है. 6 जून को होने वाले इस सम्मेलन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकर्जुन खरगे के अलावा प्रियंका गांधी सहित तमाम बड़े नेता शामिल होंगे, हालांकि कार्यक्रम की तारीख में बदलाव हो सकता है.
संविधान बचाओ अभियान, आभार सम्मेलन से जुड़ेगा
जातिगत जनगणना के लिए राहुल गांधी का आभार जताने कांग्रेस राज्य स्तरीय सम्मेलन कराने की तैयारी कर रही है. सम्मेलन के पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रदेश भर में जन जागरण यात्रा और आभार सम्मेलन करने जा रही है. यह सम्मेलन जिला स्तर पर किए जाएंगे और इसके बाद जून माह में भोपाल में राज्य स्तरीय सम्मेलन किया जाएगा. कांग्रेस नेताओं के मुताबिक प्रदेश भर में चल रही कांग्रेस के संविधान बचाओ अभियान को अब आभार सम्मेलन से जोड़ा जाएगा.
मध्य प्रदेश कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष पवन पटेल के मुताबिक "राज्य स्तरीय सम्मेलन को लेकर पार्टी स्तर पर कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है. सम्मेलन संभवतः 6 जून के भोपाल में किया जाएगा. वे कहते हैं कि जातिगत जनगणना को लेकर आभार सम्मेलन और विजय सम्मेलन की योजना बनाई जा रही है. यह पिछड़ा, गरीबों की मांग थी. पिछड़ा वर्ग द्वारा जिला स्तर पर जन जागरण अभियान चलाया जाएगा."
कांग्रेस बोली राहुल गांधी के दबाव में झुकी बीजेपी
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुई पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने कहा कि "1951 के बाद देश में होने जा रही जातिगत जनगणना के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पिछले 5 सालों से लगातार आवाज उठा रहे थे, लेकिन बीजेपी के छोटे से लेकर तमाम बड़े नेता राहुल गांधी का माखौल उड़ाती थी. जो पार्टी हमेशा जातिगत जनगणना का विरोध करती है, वही बीजेपी पार्टी अब जातिगत जनगणना कराने जा रही है. उन्होंने इसके लिए पीएम मोदी का धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार के इस फैसले के लिए राहुल गांधी दबाव बनाने में कामयाब रहे.उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना के बाद एससी, एसटी, ओबीसी वर्ग को उनकी संख्या के अनुपात में निजी क्षेत्र में भी आरक्षण मिलना चाहिए." मध्य प्रदेश आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष रामू टेकाम ने कहा कि "सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन सरकार को बताना चाहिए कि जातिगत जनगणना की समय सीमा क्या होगी. तेलंगाना सरकार ने देश में जातिगत जनगणना का अच्छा मॉडल पेश किया है. सरकार भी बताए आगे क्या करेगी."
बीजेपी बोली राहुल गांधी को ट्यूशन की जरूरत
उधर इसके पहले जातिगत जनगणना पर श्रेय की राजनीति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहुल गांधी को घेरा था. उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी को संविधान पढ़ने के लिए ट्यूशन लगानी चाहिए. बीजेपी के लिए यह जाति की राजनीति नहीं है, सुशासन की आधारभूत नींव है. समाज के हर वर्ग को न्याय देने का प्रयास है, जो पूरे पारदर्शी तरीके से जमीन पर उतारा जाएगा. देश और समाज के व्यापक हित में जातिगत जनगणना का उपयोग किया जाएगा.