मुंबई : महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तूफानी रैलियों से बौखलाई शिवसेना ने मोदी पर सबसे बड़ा हमला किया है। चुनाव प्रचार खत्म होने के एक दिन बाद मंगलवार को शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'दोपहर का सामना' के एक लेख में अमर्यादित भाषा के साथ मोदी पर यह व्यक्तिगत हमला बोला। 'दोपहर का सामना' में लिखे गए इस लेख में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव में शिवसेना के समर्थन के बिना मोदी के पिता भी बहुमत नहीं दिला पाते। बीजेपी ने लेख में मोदी के खिलाफ लिखी गई भाषा की निंदा की है। वहीं दोपहर सामना के संपादक और शिवसेना नेता प्रेम शुक्ला ने इस टिप्पणी को सही ठहराते हुए कहा कि बीजेपी शिवसेना पर लगातार हमले करती रही है, ऐसे में हमने अगर एक छोटी सी कहावत कह दी तो इस पर हल्ला मचाने की क्या जरूरत है।

सामना में लिखा है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अकेले दम पर जनादेश नहीं मिला। बीजेपी पर ताना मारते हुए लिखा गया है, 'अब मतलब निकल गया तो पहचानते भी नहीं, इसलिए बीजेपी का ढोंग सामने लाना हमारा कर्तव्‍य है।'

सामना में मोदी को निशाना बनाते हुए लिखा गया है, 'जो मोदी प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी घोषित होने पर आडवाणी के विरोध के चलते शिवसेना के समर्थन के संकेत में पुष्प गुच्छ लिए घंटे भर इंतजार करते रहे थे, वही मोदी मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं मोड में आ गए। जिन शिवसेना प्रमुख की नकल के बलबूते नमो का सियासी उदय हुआ, उसी शिवसेना के खात्मे की योजना बनाने लगे। पहला संकेत मंत्रिमंडल के गठन में दे दिया गया।'

आगे लिखा गया है, 'अकेले बीजेपी के नाम पर जनादेश तो मिला नहीं था बीजेपी को। यदि शिवसेना ने बीजेपी स्टाइल में ही लोकसभा चुनावों के पहले दांव मारा होता, तो मोदी के पिता दामोदरदास भी बीजेपी को 2014 में पूर्ण बहुमत नहीं दिला पाते।'

सामना के लेख में बीजेपी को दुश्‍मन नंबर वन बताया गया है। इसमें कहा गया है कि कांग्रेस और एनसीपी तो मरे हुए सांप हैं। यदि कोई इस मैदान में उनका दुश्‍मन है तो वह है बीजेपी। उन्होंने सत्ता के लोभ में 25 साल का गंठबंधन तोड़ दिया। सत्ता के लोभ में बीजेपी बह गई है। सामना में लिखा है कि बीजेपी ने महाराष्ट्र चुनाव में शिवसेना को हराने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनका पूरा मंत्रिमंडल इस काम में लग गया है।