इंदौर: ईडी ने 28 अप्रैल को आबकारी घोटाले मामले में इंदौर, भोपाल, जबलपुर, मंदसौर सहित कई शहरों में छापेमार कार्रवाई की थी. जिसको लेकर ईडी ने सोशल साइट एक्स पर पोस्ट कर कार्रवाई के बारे में जानकारी दी है. ईडी ने ट्वीट के माध्यम से बताया कि "कार्रवाई के दौरान 7 करोड़ 44 लाख रुपए नकद जब्त किए गये हैं. बैंक खातों में जमा 71 लाख रुपए और बैंक लॉकर भी फ्रीज किए गये हैं.
करोड़ों का दस्तावेज जब्त
दरअसल, सोमवार को ईडी द्वारा आबकारी घोटाले और फर्जी चालन मामले को लेकर इंदौर सहित कई ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की गई थी. इस दौरान ईडी ने जाने-माने शराब कारोबारी से कई घंटों तक पूछताछ की थी. यह कार्रवाई 2 दिनों तक चली थी. इस दौरान ईडी ने अचल संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज भी जब्त किए हैं. जब्त दस्तावेज करोड़ों की अचल संपत्ति के हो सकते हैं. इस मामले में जांच जारी है, आगे चलकर आरोपियों की गिरफ्तारी की भी संभावना है.
इंदौर में शराब ठेकेदारों पर केस दर्ज
शराब ठेकेदारों के खिलाफ रावजी बाजार पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया है. एफआईआर में आरोप था कि शराब कारोबारी ने वित्तीय वर्ष 2015-16 से वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान ट्रेजरी चालान में फ्रॉड कर लगभग 49.42 करोड़ रुपए के सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाया था. इसके अलावा अवैध रूप से एनओसी हासिल करने के आरोप लगे थे. बाद में ईडी को जांच में अंदेशा हुआ कि शराब ठेकेदारों ने कम राशि के चालान बनाकर लगभग 71 करोड़ का घोटाला किया है.
शराब कारोबारी ने ऐसे किया फर्जीवाड़ा
प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी ने बताया कि "जांच में पता चला कि चालान जमा करते वक्त राशि जमा करने के बाद पर्ची में राशि वाली जगह (शब्दों में) को खाली छोड़ देते थे. बाद में खाली स्थान में लाख या हजार रु में बढ़ी हुई राशि लिखकर इसकी फर्जी प्रतियां आबकारी कार्यालय में जमा की जाती थीं." इस तरह से सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाया जा रहा था."