अहमदाबाद महानगर में कांच की मस्जिद व शाह बड़ा कासम रोजा ट्रस्ट की करीब एक सौ करोड़ रुपये की संपत्ति के पांच ट्रस्टी की मौत के बाद पांच लोग अवैध रूप से ट्रस्टी बन 20 वर्ष से इन संपत्तियों का किराया वसूल रहे थे।एक मकान के किराये को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ। पुलिस ने सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।

एक फर्जी शपथपत्र पेश कर ट्रस्टी बन गए थे

अहमदाबाद के जमालपुर इलाके में स्थित कांच की मस्जिद व शाह बड़ा कासम रोजा ट्रस्ट के पांच ट्रस्टियों के निधन के बाद सलीम खान पठान, उसके भाई महमूद खान पठान, मोहम्मद यासर शेख, फैज मोहम्मद चौबदार, साहिद अहमद शेख महानगरपालिका और ट्रस्ट रजिस्ट्रार के समक्ष एक फर्जी शपथपत्र पेश कर ट्रस्टी बन गए थे।

20 वर्षों से 200 मकानों का किराया वसूल रहे थे

सलीम खान ने मस्जिद के पास उर्दू स्कूल की खाली जमीन पर दस दुकानें बनाकर किराये पर उठा दिया। इसके अलावा पिछले करीब 20 वर्षों से ये पांचों फर्जी ट्रस्टी 30 दुकानों, 200 मकानों का किराया वसूल रहे थे।

ऑटो चालक मोहम्मद रफीक अंसारी के पिता ने 80 वर्ष पहले वकफ के मकान को 25 पैसे मासिक किराये पर लिया था। सलीम खान पठान व अन्य ट्रस्टी किराये को लेकर उसके साथ आए दिन झगड़ा करते थे। रफीक अंसारी ने गायकवाड हवेली पुलिस में इन पांचों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की शिकायत दर्ज कराई।

सलीम खान पठान एक आदतन अपराधी है

पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद इन पांचों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। सलीम खान पठान एक आदतन अपराधी है। उस पर बलवा, नगालैंड से हथियार के फर्जी लाइसेंस बनवाने तथा एक हत्या का भी मामला दर्ज हो चुका है।