भोपाल . आस की किरण के लिए एक छोटा सा सूराख भी काफी होता है और पूरा रोशनदान ही खुल जाए तो माथे की शिकन धुल ही जाती है. ब्लैक फंगस के कारण एक आंख खो चुके पिता के इलाज के लिए बेटी ने टीकमगढ़ कलेक्ट्रेट में गुहार लगाई तो उसकी आवाज़ सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंच गई. सीएम ने केवल पीड़ा सुनी बल्कि पूरी मदद का भरपूर भरोसा भी दिया. ग्वालियर के अस्पताल में भर्ती पिता के लिए बेटी को अब एक आस नज़र आई है क्योंकि सीधे सीएम ने ब्लैक फंगस के इलाज के लिए इंजेक्शन उपलब्ध करवाए जाने का भरोसा दे दिया है.

वास्तव में, वर्षा मिश्रा अपने पिता रमाकांत मिश्रा के इलाज के लिए इंजेक्शनों की किल्लत से जूझते हुए जब कलेक्टर कार्यालय मदद मांगने पहुंचीं तो वहां ऑनलाइन बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना संबंधी स्थितियों की समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान वर्षा ने ब्लैक फंगस के इंजेक्शन न मिल पाने की पीड़ा और गुहार लगाई तो उसकी बात सीधे सीएम से करवा दी गई. सीएम ने तत्काल ग्वालियर कलेक्टर से चर्चा कर वहां अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती रमाकांत मिश्रा के लिए सारे इंजेक्शन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.

पिता के लिए जूझ रही बेटी का संघर्ष

वर्षा मिश्रा ने बताया कि उसके पिता आईटीआई कॉलेज में पदस्थ लिपिक रमाकांत ब्लैक फंगस की चपेट में आ गए, जिससे उनकी एक आंख निकाले जा चुकी है क्योंकि इंजेक्शन समय से मिल नहीं पाए. वर्षा के मुताबिक डॉक्टरों ने जल्द ही व्यवस्था न होने की सूरत में दूसरी आंख भी निकालने की बात कह डाली. वर्षा ने बताया कि डॉक्टरों के अनुसार 60 इंजेक्शन और लगना हैं लेकिन इंजेक्शन उपलब्ध ही नहीं हैं.
इस कठिन समय में वर्षा के साथ ग्वालियर के ही एक युवक ने धोखाधड़ी भी की. वर्षा के मुताबिक वह 50 हज़ार रुपयों की ठगी का शिकार हुई. इन कठिनाइयों से जूझ रही परेशान वर्षा ने कलेक्टर व विधायक से गुहार लगाई, जिसके बाद सीएम शिवराज सिंह ने उससे बात कर फ्री इलाज का वादा किया. साथ ही, मुख्यमंत्री ने ठगी के आरोपी पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश भी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से ग्वालियर एसपी को दिए.
गौरतलब है कि टीकमगढ़ ज़िले के पहले ब्लैक फंगस के मरीज़ रमाकांत को 11 मई को ब्लैक फंगस के लक्षण दिखने पर ग्वालियर में भर्ती कराया गया था. गंभीर स्थिति बनने पर आंख निकालनी पड़ी. अब एम्फोटेरिसिस-बी और पोसाकोनाजॉल इंजेक्शन की आवश्यकता है, लेकिन इनकी किल्लत है. डॉक्टर ने इलाज के दौरान 70 इंजेक्शन लगने की बात कही है, लेकिन अभी तक 10 इंजेक्शन ही लग सके हैं.