
पटना । बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने विधायकों से कोरोना संकट में मौत के सौदागरों के खिलाफ प्रमाण देने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि विधायक विधानसभा में शिकायत करें तो जांच के बाद वे खुद कार्रवाई को लेकर सरकार से अनुशंसा करेंगे। स्पीकर ने कहा कि समय रहते ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें कठोर दंड देना होगा।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना से संक्रमित बिहार समेत देश भर में यह समय पीड़ित मानवता की सेवा का है। ऐसे मुश्किल समय में भी कुछ अस्पतालो प्रबंधन, चिकित्सकों, जीवन रक्षक दवाइयों और ऑक्सीजन की कालाबाजारी, जमाखोरी और मुनाफाखोरी करने वालों की सक्रियता से स्वास्थ्य क्षेत्र की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिह्न खड़ा कर सरकार को परेशानी में डाल दिया है। ऐसे लोग मानवता के कट्टर दुश्मन हैं तथा इनका कृत्य माफी के योग्य नहीं। उन्होंने कहा कि समाज की तरक्की के लिए सबका स्वस्थ और शिक्षित होना जरूरी है। समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र को सेवा के लिए जाना जाता है। तभी तो समाज में जो स्थान एक शिक्षक तथा चिकित्सक को हासिल है वो किसी अन्य को हासिल नहीं। चिकित्सकों को धरती का भगवान भी माना जाता है।
स्पीकर ने आगे कहा कि कुछ अस्पतालों द्वारा कोरोना मरीजों के इलाज में बिना पारदर्शिता रखे आर्थिक भयादोहन करने, सरकार के दिशा निर्देशों का जान बूझकर पालन नहीं करने, और यहां तक कि मरीजों की मौत के बाद परिजनों से पैसा वसूल कर ही शवों को सौंपने की शिकायतें मिल रही हैं। यह बिल्कुल शर्मनाक स्थिति है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था में आयी इस नैतिक गिरावट में शीघ्रता से सुधार के लिये प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को कमर कस कर आगे आना चाहिए।इस पर एक दीर्घकालिक नीति बना कर अमल भी करना होगा।
विजय सिन्हा ने कहा कि निजी और सरकारी अस्पतालों में अच्छा काम करने वाले और लापरवाही बरतने वाले कार्मियों की समीक्षा जनप्रतिनिधियों द्वारा किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोरोना आम और खास में फर्क नहीं करता, ऐसे में आम जनता को होने वाली परेशानियों का सामना खास को भी करना पड़ रहा है। इसलिए समय रहते हमें इस तरह के मौत के सौदागरों की पहचान कर उन्हें कठोरतम दंड देना होगा। स्पीकर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सेवा के बदले मेवा पाने की इच्छा रखने वालों को सम्मान नहीं दंड का भागी बनाना होगा।