
भोपाल । प्रदेश की राजधानी भोपाल के निशातपुरा रेलवे अस्पताल में लगने जा रहे आक्सीजन प्लांट से प्रति मिनट पांच सौ लीटर आक्सीजन पैदा होगी। इससे रेलकर्मी मरीजों और उनके परिजनों को ऑक्सीजन की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। रेलवे इस अस्पताल के लिए ऑक्सीजन प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सबकुछ ठीक रहा तो अगले छह माह में प्लांट लग जाएगा। रेलवे ने हाल में कोरोना संक्रमण के समय ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए यह निर्णय लिया है। अस्पताल में दूसरी तरह की सुविधाओं का भी विस्तार किया जाएगा। इनमें वेंटिलेटरों की संख्या बढ़ाना, ऑक्सीजन वाले बिस्तर बढ़ाना, सामान्य मरीजों के लिए पलंग व मेडिकल उपकरण शामिल है। भोपाल का रेलवे अस्पताल 60 बिस्तरों की क्षमता का है। कोरोना संक्रमण के दौरान अधिक बिस्तरों की मांग को देखते हुए रेलवे ने बिस्तर बढ़ा दिए हैं। आॅक्सीजन सपोर्ट वाले बिस्तरों की संख्या बढ़ाई थी। अब इन बिस्तरों की मांग संक्रमण में गिरावट के साथ ही घट रही है। भोपाल के रेलवे अस्पताल के साथ—साथ पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर जोन के कोटा और जबलपुर रेलवे अस्पताल में भी प्लांट लगाया जाएगा। जबलपुर प्लांट की क्षमता 600 लीटर प्रति मिनट और कोटा प्लांट की क्षमता 500 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन की होगी। बता दें कि भोपाल रेल मंडल में 15200 रेलकर्मी है। लगभग इतने ही पेंशनर होंगे। इन सभी के लिए भोपाल मंडल के पास तीन रेलवे अस्पताल है। ये अस्पताल निशातपुरा, बीना व इटारसी में है। बता दें कि कोरोना वायरस संकट काल में प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश वासियों आक्सीजन का महत्व समझ में आ गया है। यहीं वजह है कि आक्सीजन की कमी से निपटने देश भर में युदध स्तर पर कई आक्सीजन प्लांट बनाए जा रहे हैं।