अहमदाबाद | मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मंगलवार को गांधीनगर स्थित स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में लगातार तीन घंटे तक बैठकर गुजरात से टकराए भीषण चक्रवाती तूफान ‘तौकते’ से और विशेषकर राज्य के तटीय जिलों के हालात को लेकर समीक्षा बैठक बुलाकर तूफान से मची तबाही सहित अन्य तमाम जानकारियां हासिल कीं। गौरतलब है कि जब इस चक्रवाती तूफान को लेकर भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने पूर्वानुमान जारी किया था, तभी से मुख्यमंत्री ने लगातार जिला प्रशासन सहित समूचे राज्य के प्रशासनिक तंत्र को अग्रिम आयोजन और इस आपदा का सामना करने के लिए ‘जीरो कैजुअल्टी’ के दृष्टिकोण से विस्तृत और अग्रिम प्लान के लिए तैयार कर दिया था। रूपाणी स्वयं सोमवार मध्य रात्रि तक स्टेट कंट्रोल रूम में मौजूद रहे थे और चक्रवात प्रभावित जिलों के कलक्टरों से लेकर फील्ड स्तर के तहसीलदार और प्रांत अधिकारियों के साथ टेलीफोन के जरिए संपर्क में रहकर चक्रवात प्रबंधन की अनोखी प्रतिबद्धता दर्शायी थी। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सोमवार रात चक्रवाती तूफान ‘तौकते’ के गुजरात के तट पर लैंडफॉल होने के बाद पैदा हुए हालात की और विस्तृत समीक्षा मंगलवार सुबह स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में पहुंचकर की। उन्होंने इस समीक्षा और परिस्थिति का जायजा लेने के बाद मीडिया के साथ बातचीत में समूचे हालात की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोमवार रात से आज यानी मंगलवार सुबह तक चक्रवात के तेजी से आगे बढ़ने से राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में उसका असर पड़ना शुरू हो गया है। गत रात 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाएं अब 110 से 115 किमी प्रति घंटे की गति से चल रही हैं और अब यह चक्रवात क्रमशः कमजोर पड़ता जा रहा है। उन्होंने यह साफ किया कि इस चक्रवात के इतने ज्यादा घंटों तक गुजरात से गुजरने के कारण व्यापक नुकसान हो सकता है, लेकिन राज्य सरकार ने अग्रिम योजना बनाते हुए तीन दिनों पहले ही सारी तैयारियां पूरी कर ली थीं। इतना ही नहीं, 2 लाख से अधिक लोगों का सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरण हो जाने से बड़ी जनहानि या दूसरी कोई बड़ी दुर्घटना सामने नहीं आई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया है कि इस चक्रवाती तूफान के परिणामस्वरूप कोविड हॉस्पिटलों में उपचार करवा रहे लोगों को कोई तकलीफ न हो। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में 1400 कोविड हॉस्पिटलों में से 16 हॉस्पिटलों में बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई थी, जिसमें से 12 स्थानों पर आपूर्ति को बहाल कर दिया गया है और 4 जगहों पर जनरेटर से सप्लाई जारी है, मरीजों के उपचार में कहीं कोई बाधा नहीं आई है। रूपाणी ने कहा कि कोविड-19 की मौजूदा स्थिति में गुजरात के ऑक्सीजन उत्पादक गुजरात के अलावा अन्य राज्यों को भी ऑक्सीजन की सप्लाई कर रहे हैं, तब इस चक्रवात के कारण किसी भी ऑक्सीजन प्लांट में भी कोई रुकावट नहीं आई है। गुजरात से बड़े पैमाने पर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली जैसे देश के अन्य राज्यों में हो रहे ऑक्सीजन सप्लाई में भी किसी प्रकार की अड़चन नहीं आई है और डिलीवरी जारी है। मुख्यमंत्री ने राज्य में बिजली आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा कि इस चक्रवात के चलते राज्य के 2437 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई थी, जिसमें से विद्युत विभाग की टीमों ने तेजी से कार्रवाई करते हुए 484 गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी है। दो सबस्टेशन प्रभावित हुए हैं उसके सहित अन्य मामूली रूप से प्रभावित सबस्टेशनों को भी तेजी से बहाल कर दिया जाएगा। इसके अलावा, 1081 बिजली के खंभों को नुकसान हुआ है। 196 सड़कें बंद जबकि 159 मार्गों को नुकसान पहुंचा है, जिसमें से 42 को मोटरेबल यानी वाहन चलने लायक बना दिया गया है। 40 हजार पेड़ भी इस चक्रवात के चलते धराशायी हुए हैं, यहां सड़क और मकान तथा वन सहित अन्य विभागों ने बहाली और मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी पूरे प्रशासनिक तंत्र को बचाव और राहत कार्यों पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। नुकसान का सर्वे भी बाद में विस्तृत जानकारी हासिल करने के बाद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में 16500 मकान एवं झुग्गियां भी इस तूफान से प्रभावित हुई हैं। जिन क्षेत्रों में 100 किमी प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से हवा चली है, उन क्षेत्रों में ऐसे मकानों का सर्वे किया जा रहा है। रूपाणी ने इस चक्रवाती तूफान से राज्य में कुल 3 लोगों की मौत होने की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य की 35 तहसीलों में 1 से 5 इंच तक की बारिश हुई है। बगसरा में सर्वाधिक 9 इंच, गिरगढ़ड़ा में 8, ऊना में 8, सावरकुंडला में 7 और अमरेली में 5 इंच बरसात हुई है। उन्होंने कहा कि इस चक्रवात से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले अमरेली, गिर-सोमनाथ, पोरबंदर, राजकोट, भावनगर और बोटाद जैसे जिलों में मंत्री, कलक्टर और जिला विकास अधिकारियों के साथ बातचीत कर पूरे प्रशासनिक तंत्र को अलर्ट मोड पर स्टैंड-टू रखा है। जलापूर्ति, बिजली आपूर्ति, सड़क और सफाई आदि के संबंध में भी चिंता कर स्थिति की समीक्षा करने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि निचले इलाकों के लोगों को स्थानांतरित कर हमने उन्हें शेल्टर में सुरक्षित रखा है और भोजन सहित अन्य इंतजाम किए हैं।