भोपाल. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के 19000 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है. सोमवार को प्रदेश के इन हेल्थवर्करों ने अपनी दो मुख्य मांगों को लेकर हर ज़िले में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांग है कि 5 जून 2018 को पारित की गई नीति के अनुसार नियमित कर्मचारियों के समकक्ष 90% वेतन दिया जाए. साथ ही, जिन निष्कासित कर्मचारियों और सपोर्ट स्टाफ को आउटसोर्स एजेंसी में भेजा गया है, उन्हें उन्हें तत्काल एनएचएम में वापस लिया जाए. संविदा कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने हर संभव ढंग से अपनी मांगों को लेकर प्रयास किया, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक ने जब कोई ध्यान नहीं दिया तब इन हेल्थवर्करों के पास हड़ताल के फैसले के अलावा कोई रास्ता बचा नहीं. इन स्वास्थ्यकर्मियों का दावा है कि वो कोरोना काल के संकट से वाकिफ हैं, लेकिन हड़ताल के लिए मजबूर हैं.

24 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल
सोमवार को सभी ज़िलों के कलेक्टर और सीएमएचओ के साथ जनप्रतिनिधियों को सीएम के नाम ज्ञापन दिया गया. बताया गया है कि आज मंगलवार से 20 मई तक प्रदेश के ये सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी काली पट्टी बांध कर विरोध दर्ज करेंगे. 21 मई को ये कर्मचारी कोरोना महामारी में शहीद हुए साथियों की प्रतिमाओं या चित्रों पर फूलमाला और कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि देंगे.इसके बाद, 22 तारीख को प्रदेश के संविदाकर्मी जनता के बीच जाकर अपने सुरक्षित भविष्य के लिए भीख मांग कर जनता से गुहार लगाएंगे. जो राशि एकत्रित होगी उससे शहीदों के परिजनों की मदद की जाएगी. इसी दिन विरोध के रूप में काले गुब्बारे छोड़े जाएंगे. इन तमाम चरणों के बाद भी सरकार मांगें नहीं मानेगी तो 24 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी.