पंजाब के मालवा की सबसे हॉट सीट संगरूर और खालसा की धरती श्री आनंदपुर साहिब से भाजपा ने हिंदू चेहरों को उतारा है। भाजपा यहां हिंदू वोट बैंक के सहारे है। संगरूर से अरविंद खन्ना और श्री आनंदपुर लोकसभा सीट पर सुभाष शर्मा को उतारा गया है। 

संगरूर में खन्ना, पांच सिख चेहरों से दो-दो हाथ करते दिखाई देंगे। भाजपा ने ऐसा कर एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है। भाजपा इसी सीट पर नहीं, बल्कि पूरे राज्य में राम मंदिर निर्माण के बाद शहरी वोट के संभावित ध्रुवीकरण के गणित को परखना चाहती है। भाजपा देख रही है कि किसान बाहुल्य क्षेत्र में क्या हिंदू व दलित वोट बैंक के सहारे पंजाब में खुद को खड़ा किया जा सकता है अथवा भविष्य में किसी अन्य विकल्प पर भी फोकस करना होगा। 

दरअसल, लोकसभा चुनाव के जरिये भाजपा पंजाब में आगे का सियासी रास्ता तलाश रही है। मालवा की संगरूर, पटियाला, बठिंडा सीटों पर भाजपा की नजर ग्रामीण क्षेत्र में वोट विभाजन के गणित पर है। यदि ग्रामीण क्षेत्रों में वोट विभाजित हुआ तो क्या हिंदू व दलित वोट बैंक के सहारे उसकी सियासी नैया पार लग सकेगी। इन संसदीय सीटों पर करीब 33 फीसदी शहरी आबादी है और दलित वर्ग की 32 फीसदी आबादी है। दोनों वर्गों की इतनी ही औसतन प्रतिशतता पंजाब की है और इस गणित को भाजपा अपने लिए शुभ मान रही है, लेकिन किसानों के विरोध की वजह से भाजपा की मुसीबत बढ़ती जा रही है।


2009 में सिख बाहुल्य सीट से जीता हिंदू उम्मीदवार
खन्ना, संगरूर सीट के दो विधानसभा क्षेत्रों (संगरूर व धूरी) से विधायक रह चुके हैं और संसदीय चुनाव लड़ चुके हैं। कांग्रेस की टिकट पर 2004 लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। हालांकि, वे 27277 मतों के अंतर से अकाली दल के नेता सुखदेव सिंह ढींडसा से चुनाव हार गए थे। अरविंद खन्ना तब 259551 वोट लेने में सफल रहे थे। सियासत का लंबा अनुभव रखने वाले अरविंद खन्ना अपनी समाज सेवी संस्था उम्मीद फाउंडेशन के जरिये सक्रिय हैं। बता दें कि संगरूर से आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, अकाली दल अमृतसर, शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी ने सिख चेहरों पर दांव खेला है। इस सीट पर 2009 से पहले सिख चेहरे ही संसद भवन पहुंचते रहे हैं, लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के विजयइंदर सिंगला ने सिख बाहुल्य क्षेत्र में जीत दर्ज करके हिंदू चेहरों के लिए आस की किरण जगाई थी। 

कांग्रेस भी खेल चुकी है हिंदू चेहरे पर दांव
श्री आनंदपुर साहिब सीट से भाजपा के उम्मीदवार सुभाष शर्मा मूल रूप से अमृतसर के रहने वाले हैं। वह पिछले कई सालों से मोहाली में रह रहे हैं। मोहाली श्री आनंदपुर साहिब सीट का हिस्सा है। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भाजपा में आए हैं और पिछले लंबे समय से पार्टी के अहम पदों पर सक्रिय हैं। इस समय भी वह उपाध्यक्ष हैं। इससे पहले कांग्रेस भी हिंदू चेहरे पर दांव खेल चुकी है। मनीष तिवारी अभी इस सीट से सांसद है। अब उन्हें चंडीगढ़ से उम्मीदवार बनाया गया है।