बिलासपुर। गर्मी का असर प्रतिदिन बढ़ने लगा है। गर्मी बढ़ते ही मिट्टी के बर्तनों की मांग भी बढ़ने लगी है। इससे शहर में जगह जगह बाजारों में मिट्टी के बर्तने बेची जाने लगी हैं। सेहत के हिसाब से भी मिट्टी के बर्तन काफी लाभदायक रहते हैं। इससे शरीर पर किसी तरह का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। शहरवासियों के सुख-सुविधाएं और रहन-सहन में दृढ़ संकल्पों का विकल्प बन जाए और साधन-संसाधनों की वजह से लम्बे-चौड़े बदलाव हो गया हो, लेकिन देशी मटकों का विकल्प बनने में अभी और लम्बे समय लगेगा। यही वजह है कि मार्च में मौसम में बदलाव यानी बारिश और धूप खिलने के बाद अब अप्रैल में गर्मी बढ़ने से देशी फ्रीज का बाजार सजने लगे हैं।

इसमें मिट्टी से बने मटकों की बाजार शहरवासियों को खूब भा रही है। पुराने जमाने से ही पानी को ठंडा रखने के लिए मटकों का उपयोग किया जा रहा है, जो अब भी जारी है। हालांकि पानी को ठंडा रखने के लिए बाजार में कई प्रकार के संसाधन उपलब्ध हैं, लेकिन देशी मिट्टी के मटके के पानी का स्वाद अब भी शहरवासियों को भा रहा है। इससे वे शहर में आने के बाद भी मटके के पानी का स्वाद नहीं भूले हैं। यही वजह है कि गर्मी शुरू होते ही मटकों की तलाश शुरू हो गई। अब मिट्टी के बर्तनों के बाजार में मटकों की मांग तेजी से आ रही है।

शहर के इन स्थानों पर मटकों की सजी दुकान

पिछले दिनों से जैसे ही गर्मी बढ़ी है। इससे तापमान 40 डिग्री से ऊपर चल रहा है। इस सीजन में मटका 50 से 100 रुपये तक का बेचे जा रहे हैं। वहीं मिट़्टी के आकर्षक केंपर भी तैयार किए जा रहे हैं। मिट्टी के केंपर भी 300 से 400 रुपये में बिक रहा है। शहर में शनिचरी बाजार, जूना बिलासपुर, रेलवे लाइन, मुंगेली रोड और सीपत रोड में मिट्टी के मटकों की बाजार सज चुकी है।

बढ़ते गर्मी में पानी के साथ मिट्टी की महक बुझा रही प्यास

सीपत चौक के पास मटका का दुकान लगाई गीता प्रजापति ने बताया कि गर्मी बढ़ने से प्रतिदिन 30-50 मटकों की बिक्री होने लगी हैं। वे मटके के साथ ही मिट्टी की गिलास भी बेचती है। उन्होंने बताया कि मिट्टी के बर्तन की खास बात यह भी है कि इससे पानी पीने से पानी में मिट्टी की जो महक आती है, जो लोगों का काफी पसंद है। यही वजह है कि गर्मियों के दिनों में मिट्टी के बर्तन से पानी पिने का अलग ही आनंद है।