जयपुर। जयपुर में कई इस्लामिक धर्मगुरूओं ने तीसवें रोजे के बाद आने वाले अमन और भाईचारे के प्रतीक ईद-उल-फितर त्योहार को कोविड की दूसरी लहर के प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार, स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन के साथ ही अपने घरों में रहकर मनाने की जयपुर की जनता से अपील की है। चीफ काजी राजस्थान श्री खालिद उस्मानी, जयपुर के मुफ्ती श्री मोहम्मद जाकिर नोमानी और जामा मस्जिद के सदर श्री नईमुद्दीन कुरेशी ने ईद की पूर्व संध्या पर गुरूवार को इस सम्बन्ध में बयान जारी किए।

चीफ काजी, राजस्थान श्री खालिद उस्मानी ने अपनी अपील मेें कहा कि पूरे तीस दिन रोजे रखने के बाद रमजान का महीना पूरा होता है जिसके बाद ईद मनाई जाती है। ईद-उल-फितर में तीस दिन के रोजे के बाद खुशी मनाने के लिए ईदगाह और मस्जिदों में नमाज अदा की जाती है। ईद का त्योहार पूरी दुनिया में हिन्दू मुसलमान और सभी धर्माे की एकता के लिए मशहूर है।  श्री उस्मानी ने कहा कि आज जिन हालात से पूरी दुनिया गुजर रही है वे बहुत ही खराब हैं। हमें यह समझने की जरूरत है कि इस महामारी से किस तरह लड़ना है। सेनेटाइजर का इस्तेमाल, मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके हम इससे मुकाबला कर सकते हैं। उन्होंने अपील की कि ईद पर सभी अपने घरों में रहकर ही ईद की नमाज अदा करें। यह बीमारी घातक है और पूरे देश, प्रदेश का इससे बुरा हाल है। उन्होंने दरख्वास्त की कि सभी अपने घरों में ही ईद की नमाज अदा करें।

ईद-उल-फितर की मुबारकबाद देते हुए मुफ्ती श्री मोहम्मद जाकिर नोमानी ने अपनी अपने बयान में कहा है कि ईद की नमाज हर बार बड़ी तादाद में सामूहिक रूप से अदा की जाती रही है लेकिन इस बार ऎसा संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कोराना महामारी पूरी दुनिया में जिस खतरनाक तेजी से फैल रही है, उससे कई लोग जान गंवा चुके हैं और बहुत से लोग इस मर्ज से जूझ रहे हैं। चिकित्सा तंतर््ज्ञ पर अत्यधिक भार पड़ रहा है। इन हालात में डब्ल्यूएचओ, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा राज्य सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करा जरूरी है। 

श्री जाकिर ने ईद पर आपसी मेल-जोल, भीड़-भाड़, हाथ मिलाने और गले मिलने से परहेज करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस बार ईद की नमाज ईदगाह या मस्जिदों में भीड़ से परहेज के कारण किया जाना संभव नहीं होगा। इसलिए सभी अपने घरों, कारखानों या ऎसी जगह जहां सावधानी और गाइडलाइन की पालना के साथ नमाज संभव हो, वहीं नमाज अदा करें। इस महामारी को रोकने के लिए जरूरी है कि लोग गली-मोहल्लों-बाजारों में इकट्ठा नहीं हों। यह त्योहार भी यही सिखाता है कि गरीबों, पड़ोसियों एवं इंसानियत की खिदमत की जाए आज इसका जरिया यही है कि कोरोना को बढाने वाली सभी बातों से परहेज रखा जाए और यही दुआ करें कि इस बला से सारी इंसानियत की हिफाजत हो।
 
जामा मस्जिद जयपुर के सदर श्री नईमुद्दीन कुरेशी ने भी ईद के इस मौके पर जयपुर की अवाम से दरख्वास्त की कि सभी ईद की नमाज अपने-अपने घरों में रहकर ही अदा करें। उन्होंने कहा कि इस बार मस्जिद में केवल मस्जिद के जिम्मेदार इंतेजामिया कमेटी के लोग, वहां के खदिम हजरात ही नमाज अदा कर सकेंगे। उन्हाेंने अपील की कि सभी की जिम्मेदारी बनती है कि जिला प्रशासन और राज्य सरकार द्वारा दिए गए दिशानिर्देेशों की पूरी तरह से पालना की जाए। उन्होने अल्लाह से यह दुआ करने को कहा कि वे इस दुनिया से इस  महामारी को खत्म कर दें और साथ ही दुनिया में अमन के लिए भी दुआ करें।