मीरजापुर। चैत्र पूर्णिमा इस बार 23 अप्रैल यानी मंगलवार को पड़ रही है। परंपरानुसार चैत्र पूर्णिमा के बाद बुधवार को विहान में मां विंध्यवासिनी का विशेष शृंगार व पूजन किया जाएगा। इस बार मां के साथ ही मंदिर में स्थापित अन्य देव विग्रहों का भी विशेष शृंगार होगा। ऐसे में बुधवार को साढ़े तीन घंटे तक दर्शन-पूजन पर रोक रहेगी।

विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी के अनुसार मां विंध्यवासिनी मंदिर व मंदिर में स्थापित समस्त देव विग्रहों को चैत्र पूर्णिमा के अगले दिन गंगा जल से स्नान कराया जाएगा। मां आदिशक्ति का विशेष शृंगार व पूजन किया जाएगा। भक्तों में प्रसाद भी वितरित होगा। इसके लिए बुधवार सुबह 10 से 12 बजे तक दर्शनार्थियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। दोपहर 12 से 1:30 बजे तक मां का शृंगार किया जाएगा। इसके बाद ही दर्शनार्थियों को मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।

दही व चीनी के शर्बत का दें अर्घ्य

विंध्याचल के पं. अजय के मुताबिक उदया तिथि में पूर्णिमा 23 अप्रैल को होने के चलते चैत्र पूर्णिमा का व्रत मंगलवार को ही रखा जाएगा। इस दिन भोर में 3.26 बजे पूर्णिमा तिथि का आरंभ होगा। 24 अप्रैल को सुबह 5.19 बजे पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी। जो पहली बार व्रत कर रहे हैं, वह चंद्रमा के उदय होने पर दही व चीनी के शर्बत का अर्घ्य दें। इससे चंद्रमा से संबंधित समस्याएं खत्म होंगी।

अर्घ्य देने का समय मंगलवार रात 8.17 से 8.22 बजे तक है। इसके साथ ही मां विंध्यवासिनी के चरणों में दीप प्रज्वलित कर सफेद पुष्प अर्पित करना चाहिए।