
भोपाल । मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में आज गरज-चमक के साथ बरसात हो सकती है। ऐसा इसीलिए संभव है क्योंकि प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी से मिल रही नमी से प्रदेश के विभिन्न जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश होने का सिलसिला जारी है।इस वेदर सिस्टम और उत्तर भारत में लगातार आ रहे पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। इसी क्रम में शनिवार को जबलपुर में 0.8, सतना में 0.4 मिलीमीटर बारिश हुई। बादल बने रहने के कारण भोपाल और जबलपुर में अधिकतम तापमान गिरे, जबकि इंदौर और ग्वालियर में दिन का तापमान बढ़ गया। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक रविवार को भोपाल, होशंगाबाद, जबलपुर, शहडोल, रीवा, सागर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। मौसम का इस तरह का मिजाज अभी तीन-चार दिनों तक बना रह सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार को राजधानी भोपाल का अधिकतम तापमान 39.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से एक डिग्री से. कम रहा। मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में पश्चिमी मप्र पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। साथ ही इस चक्रवात से उत्तरी कर्नाटक तक एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) बनी हुई है। एक पश्चिमी विक्षोभ अभी जम्मू-कश्मीर में बना हुआ है। इस वजह से बंगाल की खाड़ी से लगातार आ रही नमी के कारण राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में आंशिक बादल छाए हुए हैं। साथ ही गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है। श्चिमी विक्षोभ के लगातार आने का सिलसिला बना रहने से अभी प्रदेश में मौसम साफ होने की संभावना नहीं है। शुक्ला के मुताबिक एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ के 11 अप्रैल को उत्तर भारत पहुंचने की संभावना है। इसके बाद एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ 14 अप्रैल को भी उत्तर भारत पहुंचेगा।