नई दिल्ली। ‎जिन चार अंतरिक्ष यात्रियों को ‎मिशन पर भेजने के ‎लिए चुना गया है, उनमें से दो या तीन ही स्पेस पर जा पाएंगे। इसरो ने खुलासा ‎किया है ‎कि इनमें से एक को नासा से हुई डील के मुता‎‎बिक आईएसएस ‎मिशन के ‎लिए भेजा जाएगा। गौरतलब है ‎कि पीएम मोदी ने मंगलवार को उन चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की, जो देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के लिए ट्रेनिंग ले रहे हैं। मोदी ने तिरुवनंतपुरम के पास थुंबा में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का दौरा किया। यहां उन्होंने बताया कि ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री हैं। उन्होंने इन चारों को अंतरिक्ष यात्री पंख भी दिए। इस बीच गगनयान को लेकर एक नया खुलासा ‎किया है। जिन चार गगनवीरों को चुना गया है उनमें से केवल दो या तीन ही अंतरिक्ष यात्री गगनयान मिशन पर स्पेस में जाएंगे। जबकि एक एस्ट्रोनॉट अमेरिका के स्पेस मिशन का हिस्सा बनेगा। इस मिशन के लिए पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान सहमति बन गई थी।
जानकारी के अनुसार पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान इसरो और नासा के बीच डील हुई थी। इस डील के अनुसार, इंटरनेशनल स्पेस सेंटर (आईएसएस) मिशन के लिए इन चारों में से एक पायलट को चुना जाएगा। इस मिशन की योजना भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान से पहले बनाई जाएगी ताकि अंतरिक्ष यात्रियों को गगनयान के लिए अच्छी योजना बनाने के लिए आईएसएस मिशन से जरूरी जानकारी और ट्रेनिंग मिल सके।
चारों में प्रशांत केरल के पलक्कड जिले में नेनमारा के रहने वाले हैं। उन्होंने रूस में स्पेस फ्लाइट मिशन की ट्रेनिंग ली है। वह एनडीए से ग्रैजुएट हैं और एयरफोर्स अकैडमी में स्वोर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित हुए। वह 19 दिसंबर 1998 में एयरफोर्स में बतौर कमिशंड अफसर शामिल हुए। वह केट ए कैटिगरी के फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट हैं। उन्हें 3 हज़ार घंटों से ज्यादा उड़ान का अनुभव है।
ग्रुप कैप्टन अजित कृष्णन का तमिलनाडु के चेन्नै में 19 अप्रैल 1982 को जन्म हुआ। वह भी एनडीए के छात्र रह चुके हैं और एयरफोर्स अकैडमी में राष्ट्रपति के स्वर्ण पदक और स्वोर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित हो चुके हैं। वह वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में 21 जून 2003 को शामिल हुए। ग्रुप कैप्टन अजित कृष्णन को 2900 घंटों का उड़ान अनुभव है।
वहीं ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप का जन्म 17 जुलाई 1982 को प्रयागराज में हुआ था। वह एनडीए के पूर्व छात्र हैं और 18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में कमिशन हुए थे। अन्य गगनवीरों की तरह ग्रुप कैप्टन अंगद भी फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट हैं। उन्हें करीब 2000 घंटों का उड़ान अनुभव है। ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप ने कई प्रकार के विमान जैसे- सुखोई-30 MKI, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर, एएन-32 उड़ाए हैं।
चौथे अंत‎रिक्ष यात्री विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला हैं। शुक्ला का जन्म यूपी के लखनऊ में 10 अक्टूबर 1985 को हुआ था। वह भी गगनयान मिशन में शॉर्टलिस्ट हुए अन्य प्रतिभागियों की तरह एनडीए के पूर्व छात्र हैं। विंग कमांडर शुक्ला 17 जून 2006 को वायु सेना की फाइटर स्ट्रीम में कमिशन हुए। वह फाइटर कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलट हैं। उन्हें करीब 2000 घंटों का उड़ान अनुभव है।