ग्वालियर. लगता है कोरोना अब काल पर भी भारी पड़ गया है. इस महामारी से पूरे प्रदेश में तो हाहाकार मचा ही है, लेकिन ग्वालियर में इसने परंपरा और काल के समय चक्र को भी मात दे दी है. ग्वालियर में अब चिताओं को रात में भी जलाया जा रहा है. जगह नहीं होने पर उन्हें श्मशान घाट के रास्ते में ही जला दिया जा रहा है.जानकारी के मुताबिक, लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम अब कोविड से मरने वाले लोगों के शवों का बोझ नहीं उठा पा रहा. यहां एक ही दिन में 20 से ज्यादा चिताएं जलाई जा रही हैं. गुरुवार को यहां 22 चिताओं को अग्नि दी गई. शाम 4:30 बजे यहां 8 चिताएं जमीन पर जल रहीं थीं और 12 शव का अंतिम संस्कार गैस शवदाह गृह में किया गया. यहां अब रात में भी शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है.

पीपीई किट में विश्राम घाट जा रहे परिजन
बता दें, कोरोना प्रोटोकॉल से होने वाले शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए 3 से 4 परिजन ही पहुंच रहे हैं. परिजन भी डर के मारे पीपीई किट में जा रहे हैं. गुरार को जब विश्राम घाट में जगह कम पड़ी तो 8 शवों के अंतिम संस्कार विश्राम घाट के रास्ते पर चिता बनाकर किए गए.


इतनी हुए एक्टिव मरीजों की संख्या
मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के एक्टिव मरीजों की संख्या 84957 हो गई है. 9620 मरीज़ अस्पताल से स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं. इंदौर मे 2107, भोपाल में 1008, जबलपुर में 462, ग्वालियर में 714 मरीज़ स्वस्थ होकर घर लौट चुक हैं. प्रदेश भर में 24 घंटों में कोरोना संक्रमित मरीजों के 12384 नए मामले सामने आए. इंदौर में 1781, भोपाल में 1739, जबलपुर में  803, ग्वालियर में 1190 कोरोना पॉज़िटिव मिले. 75 लोगो की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई.

BHEL को बंद करने की मांग
भोपाल में भेल में 200 से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी संक्रमित हैं. विधायक कृष्णा गौर ने कलेक्टर को पत्र लिखकर कारखाना बंद करने की मांग की है. संक्रमित में अब तक 12 लोगों की जान जा चुकी है. कृष्णा गौर ने भेल टाउनशिप में कारखाने से खतरा बताया है.