
वॉशिंगटन । तालिबान के खिलाफ 20 साल तक जंग लडऩे के बाद अमेरिकी सैनिक जल्द अफगानिस्तान से चले जाएंगे। अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिक वापस बुलाने का ऐलान कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान में तैनात 2500 अमेरिकी सैनिकों को 11 सितंबर तक वापसी का आदेश दिया है। अमेरिका ने तालिबान को उखाड़ फेंकने के लिए 2001 में अफगानिस्तान के अंदर अपने सैनिक भेजे थे। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन नाटो में शामिल देशों को भी इसकी जानकारी देंगे।
अफगानिस्तान में 7 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात
अमेरिका अपने सैनिकों को 9/11 हमले की 20वीं बरसी के पहले वापस बुलाना चाहता है। यूएस की बाइडेन सरकार ने कई हफ्तों पहले ही इस फैसले के संकेत देने शुरू कर दिए थे। इस समय अफगानिस्तान में 7 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात हैं। इनमें से ज्यादातर नाटो (नॉर्थ एटलाण्टिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) के हैं। पिछले एक साल में तालिबानियों ने कई अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाया है। वे अफगानिस्तान की सेना पर भी आए दिन हमले करते रहते हैं।
कंधार में एयरस्ट्राइक कर 80 आतंकी मारे थे
इससे पहले अफगानिस्तान के कंधार में 4 अप्रैल 2021 को एयरस्ट्राइक में 80 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए थे। अरघनदाब जिले में हुई इस कार्रवाई में तालिबान के मुख्य कमांडर सरहदी की भी मौत हो गई थी। अफगानी डिफेंस मिनिस्ट्री ने ट्वीट करके भी एयर फोर्स की इस कार्रवाई की जानकारी दी थी। डिफेंस मिनिस्ट्री के प्रवक्ता फवाद अमान ने बताया था कि आतंकवादियों के ठिकानों पर उस वक्त एयर स्ट्राइक की गई, जब वे एक हमले को अंजाम देने की तैयारी कर रहे थे।
अमेरिका ने भी तैयार किया था प्रस्ताव
इससे पहले ट्रंप सरकार ने अफगानिस्तान से 1 मई को अमेरिकी सैनिकों के लौटने की डेडलाइन तय की गई थी। अमेरिका चाहता था कि तालिबानियों के साथ शांति का समझौता हो जाए। इसके लिए यूएस, तुर्की में यूएन के दखल से एक बैठक के लिए जोर लगा रहा था। अमेरिका ने भी एक प्रस्ताव तैयार किया था। इसमें तुरंत एक नए लीगल सिस्टम को बनाने का जिक्र था, जिसमें तालिबानियों को भी प्रतिनिधित्व दिया जाए। लेकिन गनी ने उसे खारिज कर दिया था।