जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश की जेलों में अव्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी जाहिर की है। हाईकोर्ट ने इसको लेकर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि क्या वह शहर के मध्यम में स्थित सेंट्रल जेलों को बाहर स्थानांतरित करने का विचार रखती है।बता दें कि मुख्य न्यायाधीश एजी मसीह और न्यायाधीश समीर जैन की खंडपीठ ने जेलों में अव्यवस्थाओं से जुड़े मामले की सुनवाई की।
खंडपीठ ने कहा कि जयपुर सेंट्रल सहित प्रदेश की नौ सेंट्रल जेल शहरों के मध्य में स्थित है। सुनवाई के दौरान न्यायमित्र अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि जेलों में इस समय भारी भीड़ बड़ी समस्या है।रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश की सभी सेंट्रल जेल 60 से 70 साल पहले बनी थी। ऐसे में वे वर्तमान के हिसाब से नाकाफी साबित हो रही है। कासलीवाल ने कहा कि सरकार इस मामले में होने वाली सुनवाई पर हर बार पुरानी रिपोर्ट ही पेश करती है।
ऐसे में जेलों में किस तरह से सुधार होगा।न्यायालय ने सरकार से पूछा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एवं न्यायालय में मौजूदगी से कितने कैदियों की पेशी हो रही है। जेलों में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग की क्या व्यवस्था है। जेलों में चिकित्साकर्मियों की भर्ती कब तक पूरी हो जाएगी। साथ ही जेलों में मोबाइल फोन के उपयोग की समस्या खत्म करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। इन सभी बिंदुओं पर न्यायालय ने सरकार से 16 नवंबर तक जवाब मांगा हैं।