जयपुर: राजस्थान में कुछ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में बहुमत से अधिक सीटें जीतने को लेकर भाजपा ने रणनीति तय की है। भाजपा चाहती है कि दो सौ सदस्यीय विधानसभा में 130 से 140 सीटों पर जीत सुनिश्चित की जाए।इसी रणनीति के तहत आधा दर्जन सांसदों को विधानसभा का चुनाव लड़वाने पर विचार किया जा रहा है। इस बारे में सांसदों को संकेत दे दिए गए हैं। इसके साथ ही पार्टी की ओर से करवाए गए सर्वे के बाद 77 विधानसभा सीटों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इनमें से 58 सीटें ऐसी हैं, जहां भाजपा पिछले एक से दो चुनाव में हारी है।

इनमें से अधिकांश सीटें जीतने के लिए भाजपा ने जातिगत समीकरण साधने को लेकर रणनीति तय की है। इसके तहत विभिन्न जातियों में प्रभाव रखने वाले पार्टी नेताओं को विधानसभा क्षेत्रवार जिम्मेदारी सौंपी गई है। विभिन्न समाजों के बड़े नेताओं एवं संगठनों को साथ लिया जा रहा है।राजस्थान विधानसभा चुनाव अभियान से जुड़े एक राष्ट्रीय पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी ने पिछले छह महीने में तीन बड़े सर्वे करवाए हैं। इनमें में दो सर्वे एक निजी एजेंसी और एक पार्टी के स्तर पर करवाया गया है। साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को लेकर फीडबैक लिया गया है। जातिगत समीकरण साधने के लिए दो राष्ट्रीय पदाधिकारियों को भी चुनाव लड़वाने को लेकर विचार किया जा रहा है।

जयपुर शहर के सांसद रामचरण बोहरा और राज्यसभा सदस्य घनश्याम तिवाड़ी में से किसी एक को सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़वाने पर विचार किया जा रहा है। तिवाड़ी दो बार इसी सीट से विधायक रहे हैं। बोहरा सांगानेर के मूल निवासी हैं। इस क्षेत्र में ब्राह्मण मतदाताओं का बहुमत है। तिवाड़ी और बोहरा का इस समाज में सम्मान है।टोक-सवाईमाधोपुर से सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया को गुर्जर बहुल कोटपुटली, राजसमंद से सांसद दीया कुमारी को सवाईमाधोपुर और अलवर के सांसद बाबा बालकनाथ को बहरोड़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़वाने पर विचार हो रहा है।