
फौज में भर्ती होने की थी चाहत, 7 बार प्रयास किया, सिलेक्शन नहीं हुआ था तो खुद ही वर्दी खरीद बन गया आर्मी अफसर
आरोपी मिथुन की कुछ दिन पहले ही सगाई हुई है।
क्या करता, बचपन से सिर्फ देखा तो आर्मी में भर्ती होने का सपना। रात दिन मेहनत की और 7 बार भर्ती के लिए लाइन में भी लगा, सिलेक्शन में कुछ दूर तक पहुंचा भी, लेकिन भाग्य ने साथ नहीं दिया और आर्मी की वर्दी नहीं मिल पाई। पेट पालने के लिए कुछ तो करना था तो दुखी मन से नौकरी की तलाश में राजगढ़ से इंदौर आ गया। यहां नौकरी की तलाश में काफी भटका, लेकिन किसी ने नौकरी नहीं दी। यहां से पीथमपुर पहुंचा, जहां खाद बनाने की फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी मिल गई। यह कहानी है उस नकली फाैजी की, जिसे मंगलवार को महू छावनी में गणतंत्र दिवस पर चेकिंग के दौरान पकड़ा था।
आरोपी मिथुन पिता रामप्रसाद निवासी राजगढ़, ब्यावरा ने बताया कि आर्मी में भर्ती होने का इतना जुनून था कि 26 जनवरी पर वह घर से परेड देखकर निकला और सीधे महू के आर्मी स्टोर पहुंच गया। यहां से उसने वर्दी खरीदी और उसे पहनकर घूमने लगा, तभी आर्मी चेकिंग के दौरान इंटेलिजेंस द्वारा उसे पकड़ लिया गया। कुछ दिनों पहले उसकी सगाई हुई है।
महू थाना प्रभारी दिलीप पूरी ने बताया कि आर्मी द्वारा पेट्रोलिंग के दौरान एक युवक संदिग्ध पाया गया। आई कार्ड पूछने पर उसने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। पूछताछ के लिए थाने लाए तो आरोपी मिथुन के मोबाइल में आई कार्ड मिला, जो कि आर्मी के ही थे, जिन्हें एडिट करके बनाया गया था।
गांव में भी मिथुन ने सभी को यही बता रहा था कि वह आर्मी में नौकरी करता है। सोशल मीडिया पर भी मिथुन ने सभी फोटोग्राफ आर्मी यूनिफार्म के ही पोस्ट किया हुए हैं। पुलिस द्वारा राजगढ़ जाकर भी इस बात की तस्दीक की जाएगी कि क्या आरोपी सही बोल रहा है, क्योंकि कुछ लोगों द्वारा यह शक जताया जा रहा है कि आर्मी की वर्दी पहनकर मिथुन कई जगह ठगी भी कर चुका है। हालांकि इस बात के अभी पुख़्ता प्रमाण नहीं मिले हैं।