रायपुर। छत्तसीगढ़ में विधानसभा चुनाव के पांच महीने पूर्व सत्ता और संगठन में दरार और बढ़ गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम खेमे के बीच तकरार कोई नई बात नहीं है परंतु अब मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। इससे कांग्रेस की मुश्किल बढ़ती दिख रही है जबकि भाजपा को अवसर मिल गया है। भाजपा नेता कह रहे हैं कि कांग्रेसी आपस में ही लड़ रहे हैं तो जनता का क्या भला करेंगे।दरअसल पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने बुधवार को पांच पदाधिकारियों को नई जिम्मेदारी सौंपी थी। मुख्यमंत्री के खेमे के नेता इससे संतुष्ट नहीं थे। उनका कहना था कि नई नियुक्तियों में न मुख्यमंत्री की राय ली गई न प्रदेश प्रभारी की। गुरूवार को प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा यहां पहुंचीं तो उनके सामने भी इस मुद्दे पर तकरार हुई।
बैठक के दौरान ही सैलजा ने मरकाम की नियुक्तियों को रद करने का आदेश दे दिया। सैलजा के आदेश के बाद पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भी तेवर दिखाया।शुक्रवार को मरकाम ने कहा कि नई नियुक्तियों की समीक्षा करेंगे तब निर्णय लेंगे। मरकाम के तेवर के बाद यह माना जा रहा है कि कांग्रेस में सत्ता व संगठन के बीच विवाद और गहराएगा। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मीडिया से चर्चा में कहा कि नया आदेश जारी होते तक उनकी जारी सूची के मुताबिक ही पदाधिकारी काम करेंगे। समय-समय पर पदाधिकारियों का कार्य विभाजन होते रहता है। जो पूर्व में पदाधिकारियों के प्रभार बदले गए थे, वो प्रभावशील रहेंगे। आगामी आदेश तक काम करते रहेंगे।





