धार । राऊ-खलघाट फोरलेन के गणपति घाट पर सुधार के लिए जल्द ही कार्य शुरू होगा। घाट पर निर्माण कार्य के लिए मशीनें पहुंचने लग गई हैं। प्रशासन के सामने अब चुनौती यह है कि घाट निर्माण में पुनः कोई चूक न हो जाए। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण प्रशासन को अब नई सड़क बनाने पर ढलान कम करना होगी तभी हादसों पर लगाम लग पाएगी। संभावना जताई जा रही है कि 15 से 20 दिनों में सड़क का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। वहीं अगर 15 दिन बाद मानसून की आमद होती है और वर्षा का क्रम शुरू होता है तो निर्माण कार्य में दिक्कतें आ सकती हैं। गौरतलब है कि गणपति घाट का निर्माण 2008 में हुआ था।
घाट उतरने वाली लेन पर अत्यधिक ढलान होने के कारण वाहनों के ब्रेक फेल होते है और वाहन हादसों का शिकार हो जाते है। घाट पर कई हादसे हो चुके हैं। प्रशासन द्वारा लगातार हादसे रोकने के लिए अस्थायी उपाय किए गए। किंतु सब उपाय प्रशासन के फेल नजर आए। प्रशासन हादसों पर लगाम नहीं लगा पाया। गणपति घाट पर अब हादसे रोकने के लिए करीब आठ किलोमीटर के क्षेत्र में नई सड़क का निर्माण किया जाएगा जिसकी लागत करीब 210 करोड़ रुपये है। सड़क घाट के ऊपर ग्राम ढाल पलाशमाल यशराज ढाबे के पास से चालू होकर निर्मल होटल के पीछे कुसुंबिया फाटा तक आकर पुनः हाइवे में मिल जाएगी। नई सड़क बनने में प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती ढलान को कम करना रहेगी। इसकी मुख्य वजह यह जंगल क्षेत्र एवं पहाड़ी इलाका है। ऐसे में यहां ढलान को कम करना चुनौती है।
पहले की गलती का खामियाजा लोगों ने भुगता
नई सड़क निर्माण कार्य के दौरान प्रशासन को छोटे-छोटे बिंदुओं पर विशेष ध्यान रखना होगा। पूर्व में सड़क एजेंसी ने जो गलतियां की थी, उससे उसका खामियाजा हजारों लोगों ने अपनी जान देकर चुकाया है। हादसों की रोकथाम के लिए नई सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इसमें इस बार तकनीकी कमियों को विशेष ध्यान देना होगा। अगर इस बार भी तकनीकी कमी रह जाती है तो नई सड़क बनाने का कोई औचित्य नहीं रहेगा। जिम्मेदारों को निर्माण कार्य पर नजर रखना होगी। कंपनी द्वारा जल्द ही नई सड़क का निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा है।