बेंगलुरु : अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) की अंदरूनी राजनीति की कड़वाहट सामने आई जब संघ ने आज अपने उपाध्यक्ष कार्ति चिदंबरम को हितों में टकराव के आधार पर हटा दिया। इस अधिकारी ने अपनी बर्खास्तगी को अदालत में चुनौती देने का फैसला किया है।
एआईटीए ने आज शहर में अपनी वार्षिक आम बैठक की और तमिलनाडु के प्रशासक कार्ति को हटाने के अलावा 12 सदस्यीय कार्यकारी समिति के चुनाव भी कराए गए। तमिलनाडु के सीबीएन रेड्डी चुनाव में हार गए जबकि पंजाब के दिनेश अरोड़ा को नया सदस्य चुना गया।
कार्ति को बाहर किए जाने का कारण बताते हुए एआईटीए अध्यक्ष अनिल खन्ना ने कहा कि उन्होंने संविधान के उस प्रावधान को लागू किया है जो उसके पदाधिकारी को दो अलग-अलग राष्ट्रीय खेल महासंघों में पदाधिकारी बनने की स्वीकृति नहीं देता। कार्ति टेनपिन बाल फेडरेशन के अध्यक्ष भी हैं और इस तरह हितों का टकराव है।
खन्ना ने कहा कि उनके संविधान का नियम 27बी (ई) उसके पदाधिकारियों को दो पद पर बने रहने की स्वीकृति नहीं देता। खन्ना ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘हमने उन्हें दोनों में से कोई एक पद चुनने का मौका दिया था लेकिन उन्होंने कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई। आज परिषद ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि संविधान का सम्मान किया जाना चाहिए। इसलिए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।’
एआईटीए ने कार्ति चिदंबरम को उपाध्यक्ष पद से किया बेदखल
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