
इस्लामाबाद । जम्मू-कश्मीर में दुनिया के 20 सबसे शक्तिशाली देशों के समूह जी-20 की बैठक कराने की मोदी सरकार की योजना से पाकिस्तान बौखला गया है, और बड़ी साजिश रच रहा है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कश्मीर में जी-20 बैठक कराने की योजना पर आंसू बहाकर कहा कि वह भारत के खिलाफ कई मोर्चों पर अभियान चलाने जा रहा है। वहीं पूरे विवाद में पाकिस्तान के बड़बोले राष्ट्रपति आरिफ अल्वी भी कूद पड़े हैं, उन्होंने विदेश मंत्रालय से कहा कि भारत के खिलाफ अपने अभियान को तेज करे।
भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान आत्मघाती और ग्रेनेड हमले की साजिश रच रहा है। इस खतरे को देखकर जम्मू-कश्मीर में जी-20 के सभी कार्यक्रम स्थलों पर एनएसजी को तैनात किया जाएगा। पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने ऑल पार्टी हुर्रियत क्रॉन्फ्रेंस के नेता महमूद अहमद सागर के पत्र के आधार पर विदेश मंत्रालय को कार्रवाई करने के लिए कहा है। इस कथित पत्र में अल्वी ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति से तत्काल हस्तक्षेप के लिए कहा था।
दरअसल, अलगाववादी संगठन हुर्रियत को डर सता रहा है कि जी-20 सम्मेलन अगर कश्मीर में होता है, तब इससे उसकी और पाकिस्तानी प्रोपेगैंडा की पोल खुल जाएगी। वहीं कश्मीर में धीरे-धीरे सामान्य हो रहे माहौल का दुनिया को अहसास हो जाएगा। हुर्रियत चाहता है कि पाकिस्तान भारत के कश्मीर में जी-20 सम्मेलन कराने के मामले को संयुक्त राष्ट्र और अन्य क्षेत्रीय मंचों पर उठाए। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह इस मामले में पूरा सहयोग करेगी।
प्रधानमंत्री शरीफ ने फिर से जहरीला बयान देकर दावा किया कि भारत ने जो कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म किया है, वह मानवाधिकारों का पूरा उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय खासकर संयुक्त राष्ट्र को इस पर नोटिस लेना चाहिए। खुद दुनिया से भीख मांग रहे पाकिस्तान के पीएम ने वादा किया है कि वह कश्मीरी जनता को समर्थन देते रहने वाले हैं। पाकिस्तान की इसी चाल को फेल करने के लिए भारत एनएसजी के साथ मरीन कमांडो मार्कोस को भी तैनात करने जा रहा है। इन जवानों को झील और अन्य पानी वाले इलाकों में तैनात किया जाएगा।