स्वामीनाथान आयोग की सिफारिशें माने जाने और कर्ज माफी की मांग को लेकर पिछले दस दिनों से महापड़व पर बैठे किसान नेताओं ने सोमवार को सीकर जिला कलेक्ट्रेट पर महापड़ाव डालने की घोषणा की.

किसान सभा की और से जिला कलेक्ट्रेट पर महापड़ाव की घोषणा किए जाने के बाद जिले में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. किसान कृषि उपज मंडी में महापड़ाव डाले बैठे हैं.

वहीं जिला कलेक्ट्रेट पर महापड़ाव की घोषणा के बाद जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर जिले भर में इंटरनेट की सेवाएं बंद कर दी है और जिला कलेक्ट्रेट के आस-पास के दो किलोमीटर के इलाके में धारा 144 लागू कर दी है.

जिला मुख्यालय पर चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और जिला कलक्ट्रेट तक पहुंचने वाले हर रास्ते को सील कर दिया गया है. वहीं किसानों द्वारा अपनी मांगों को लेकर सोमवार को जिले के गांवों में भी चक्का जाम करने की घोषणा की गई है.

खबर है कि किसानों ने दातारामगढ़, कुली, खाचरियावास, बाय, सुरेरा, मंढ़ा गावों में जाम लगा दिया है. जाम के चलते यातायात प्रभावित हो रहा है. वहीं चक्काजाम के कारण लोगों को भी बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक की सीकर आने वाली कई बसों का मार्ग भी बदल दिया गया है.

किसानों की मांगों को लेकर रविवार भी देर शाम तक प्रभारी मंत्री राजकुमार रिणवा भी किसान नेता अमरराम और पेमाराम से वार्ता करते रहे. किसान नेता अमराराम ने साफ कहा कि सरकार दस दिनों से बैठे किसानों की इस मांग पर ध्यान नहीं दे रही है और वार्ता के नाम पर केवल दिखावा कर रही है.

इसके अलावा चूरू जिले में भी किसानों के आंदोलन को लेकर प्रशासन ने कलेक्ट्रेट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया है. एएसपी केसर सिंह के नेतृत्व में पुलिस व्यवस्था चाक-चौबंद रखी गई है.

बताया जा रहा है कि किसान सरकारी कामकाज ठप करने की तैयारी में जुटे हुए हैं. वहीं वे यह प्रदर्शन 17 सूत्री मांगों को लेकर कर रहे हैं.