पुरानी पेंशन योजना को लेकर इन दिनों काफी बहस छिड़ी हुई है. कई जगहों पर पुरानी पेंशन योजना को लेकर विरोध भी देखने को मिल रहा है. इस बीच अंशदायी पेंशन योजना (सीपीएस) के दायरे में आने वाले तेलंगाना राज्य सरकार के कर्मचारी अगस्त में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने की मांग को लेकर हैदराबाद में रैली निकालेंगे. यदि सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है, तो वे 1 अक्टूबर को प्रस्तावित अखिल भारतीय रैली में शामिल होंगे.

पेंशन योजना

यह फैसला सोमवार को तेलंगाना राज्य सीपीएस कर्मचारी संघ की कार्यकारी परिषद की एक आपात बैठक में लिया गया, जिसमें संघ के प्रदेश अध्यक्ष जी. स्थितप्रजना, कोषाध्यक्ष नरेश गौड़, महासचिव के. श्रीकांत और सभी 33 जिलों के अध्यक्षों और महासचिवों ने भाग लिया. वहीं स्थितप्रजना ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हालिया बयान की निंदा की कि केंद्र राष्ट्रीय पेंशन योजना में सुधार के लिए एक समिति का गठन करेगा.

पेंशन

स्थितप्रजना ने कहा, "सीपीएस एक खतरनाक योजना है क्योंकि यह शेयर बाजारों से जुड़ी हुई है. यह रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों या उनके परिवार के सदस्यों को कोई वित्तीय सुरक्षा प्रदान नहीं करती है," उन्होंने कहा. "सीपीएस एक ऐसा उपकरण बन गया है जो कॉरपोरेट घरानों को धन का प्रवाह सुनिश्चित करता है. पहले से ही तेलंगाना ने लगभग 20,000 करोड़ रुपये के सीपीएस में कर्मचारियों के योगदान को शेयर बाजारों में भेज दिया है. यदि राज्य सरकार सीपीएस को खत्म कर देती है, तो उसे 20,000 करोड़ रुपये मिलेंगे, जिसका उपयोग सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है."

पेंशन मार्च

वहीं पुरानी पेंशन योजना को लेकर कई रैलियां भी देखने को मिल रही है. अब 16 अप्रैल को सभी 33 जिला मुख्यालयों पर 'पेंशन मार्च' और जून में 'ओपीएस संकल्प बस यात्रा' निकालने का निर्णय लिया गया.