दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीए की डिग्री का ब्योरा मांगने वाले आरटीआई सवाल को अवरुद्ध किए जाने की मीडिया में आई खबरों से उनकी शैक्षिक योग्यता के इर्द-गिर्द ‘रहस्य गहरा गया है।’ उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार कानून के तहत विश्वविद्यालय सूचना देने से इनकार नहीं कर सकता और विश्वविद्यालय को दस्तावेज जारी करने के लिए प्रधानमंत्री को उनकी अनुमति लेने के लिए पत्र लिखना चाहिए।

शहर के एक अधिवक्ता ने मोदी की डिग्री के बारे में आरटीआई आवेदन दायर कर सूचना मांगी थी। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘इससे प्रधानमंत्री की डिग्री के इर्द-गिर्द रहस्य गहरा गया है। यदि डीयू को लगता है कि यह निजी सूचना है तो आरटीआई कानून के तहत डीयू को प्रधानमंत्री को उनकी अनुमति मांगने के लिए लिखना चाहिए।’ उन्होंने याद दिलाया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने मोदी की डिग्री पर विवाद पैदा होने पर यह कहकर उनका बचाव किया था कि दस्तावेज ‘असली हैं और कोई भी इसे डीयू से हासिल कर सकता है।’

केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, ‘क्या ? लेकिन क्यों ? क्या अमित शाह और जेटली जी ने नहीं कहा था कि डिग्री असली है और कोई भी इसे डीयू से ले सकता है।’ ऐसी खबर है कि आरटीआई आवेदन के जवाब में डीयू ने कहा है कि उसे हर छात्र की निजता बनाए रखने का अधिकार है और सूचना केवल संबंधित छात्र को ही दी जा सकती है। विश्वविद्यालय ने कहा कि आवेदक जवाब मिलने के दिन से एक महीने के भीतर डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग के अपील अधिकरण से संपर्क कर सकता है।