बिहार में फसल बर्बाद करने वाली नील गायों की हत्या के बाद केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी पर्यावरण मंत्री पर बिफर पड़ीं हैं. मेनका ने आरोप लगाया है कि पर्यावरण मंत्री राज्यों को चिट्ठी लिख रहे हैं और जानवरों को मारने की मंजूरी दे रहे हैं. वहीं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

मेनका ने कहा कि 'हमारी सरकार में पहली दफा पर्यावरण मंत्रालय इतना सक्रिय हो गया है, और सभी राज्यों को कहा जा रहा है कि आप बताएं कौन-कौन से जानवर को आप मारना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि और मंत्री ने सुझाव दिया है कि बंगाल में हाथियों को, गोवा में मोर को, हिमाचल प्रदेश में बंदरों को, राजस्थान में नील गायों को मारा जाए. लेकिन वहां हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया है.' मेनका ने यह बयान बिहार में लगभग 250 नील गायों की हत्या के बाद दिया है.

जानवरों के पीछे पड़े हैं
मेनका ने कहा कि 'हमने RTI के जरिए पता लगाया है, कि किसी भी राज्य ने खुद जानवरों को मारने की मंजूरी नहीं मांगी बल्कि ज्यादातर राज्यों ने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया है. पर्यावरण मंत्री खुद सक्रिय होकर जानवरों के पीछे पड़े हैं.'

गाय के नाम पर नहीं बच पाएगी नीलगाय

नीतीश कुमार ने शर्मनाक किया
मेनका ने यह भी कहा कि बिहार में जिस तरह नील गायों को मारा गया है उसके लिए पर्यावरण मंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार ने जो किया वो बेहद शर्मनाक है.

प्रकाश जावड़ेकर बयान देने से बचे
दूसरी तरफ केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मेनका गांधी के आरोपों पर कहा है कि 'किसने क्या कहा इस पर मैं कोई प्रतिक्रिया नहीं देता, लेकिन कानून के हिसाब से किसानों की फसलों को ज्यादा नुकसान हो तो राज्य सरकार जो प्रस्ताव भेजती है हम उसे मंजूर करते हैं.'

चिराग पासवान ने कहा- जानवरों को मारना अमानवीय
लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी नेता) चिराग पासवान ने जानवरों को मारना अमनावीय कृत्य बताया है. उन्होंने कहा कि इसे किसी भी तरह से समर्थन नहीं दिया जा सकता है. दूसरी तरफ जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि नील गायों को मारने की प्रक्रिया इसी तरह जारी रहेगी. उनके पास केंद्र सरकार की मंजूरी है. नीतीश कुमार क्यों शर्मिंदा महसूस करें? उन्होंने कहा कि नील गायों की वजह से किसानों को नुकसान हो रहा है.