नई दिल्ली। डिग्री विवाद में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और वरिष्ठ नेता अरुण जेटली की सफाई के बाद आम आदमी पार्टी ने पलटवार किया है। आप नेता आशुतोष ने पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा अमित शाह और अरुण जेटली पर ताबड़तोड़ हमले बोले।

आशुतोष ने कहा कि हम वैरिफिकेशन के बाद कह रहे हैं कि इन्होने कोई डिग्री हासिल नहीं की। हमारे नेताओं पर जिन पर फर्जी डिग्री के आरोप लगे हैं, कानून अपना काम करे, लेकिन हकीकत ये भी है कि आज तक कोई चार्जशीट दाखिल नही हुई है।

आशुतोष ने जवाबी हमला बोलते हुए कहा कि आज बड़े तेवर के साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, जिनका इतिहास सबको मालूम है, क्यों तड़ीपार किए गए थे। उन पर कत्ल के भी आरोप हैं। अरूण जेटली ने डीडीए घोटाला किया।

जो डिग्री दिखाई गई वो फर्जी है। अमित शाह और अरूण जेटली भगवान नहीं है कि वो कोई भी डिग्री लाकर रख देंगे और हम सच मान लेंगे। मेरे पास उनकी जारी की गई दोनों डिग्रियां हैं।

बीए की डिग्री पर लिखा है नरेंद्र कुमार दामोदार दास मोदी, एमए की डिग्री पर नाम लिखा है नरेंद्र दामोदार दास मोदी। हमें पता है कि जब नाम में बदलाव होता है तो एफिडेविट दिया जाता है। कहां है वो एफिडेविट।

सरनेम ड्रॉप करने के लिए, नाम बदलने के लिए कानूनी कार्रवाई करनी होती है। जनता के सामने वो एफिडेविट पेश कीजिये, जिसमें नाम बदला गया। 1977 की मार्कशीट है, जबकि बीए की डिग्री पर लिखा है 1978। मार्कशीट की फोटोकॉपी दिखाते हुए आशुतोष ने कहा कि मार्कशीट पर लिखा है कि नरेंद्र कुमार दामोदार दास मोदी और डिग्री पर लिखा है नरेंद्र दामोदार दास मोदी, यानि नाम बदला गया है।

मार्कशीट 1977  की और डिग्री 1978 की, ये क्या गड़बड़झाला है। इसका मतलब ये है कि ये डिग्री फर्जी है। फर्जीवाड़ा किया गया। आम आदमी पार्टी कह रही है कि ये डिग्री नकली है।

मोदी को बचाने के लिये अमित शाह और अरूण जेटली जी ने फर्जी डिग्री देश के सामने रखी है, अपराध किया है दोनों ने। वो कहते हैं कि केजरीवाल माफी मांगें, हम कहते हैं पीएम माफी मांगें।

वहीं बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि अमित शाह और अरूण जेटली ने झूठ का खुलासा किया है। और जब झूठ का खुलासा होता है तो फ्रस्ट्रेशन होती है। वही फ्रस्ट्रेशन दिख रही है। 1975, 76, 77 भी देख सकते हैं। 1978 की मार्कशीट को भी जारी किया गया है। जल्दीबाजी में डॉक्यूमेंट ठीक से नहीं पढ़ पाए हैं। दोनों ही डिग्रियों में एक ही नाम है, कोई बदलाव नहीं है।