नई दिल्ली : जेएनयू के विद्यार्थियों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य ने कहा कि उन्हें विश्वविद्यालय से निष्कासन का फैसला अस्वीकार्य है और उच्च स्तरीय जांच समिति की जांच बस ‘हास्यास्पद’ है। छात्र संघ ने इस मामले पर देशव्यापी अभियान की धमकी दी है।
अपनी प्रतिक्रिया में जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि हास्यास्पद जांच के आधार पर दंडात्मक कार्रवाई बस अस्वीकार्य है और संघ इसे खारिज करता है। खुद कन्हैया कुमार पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। कन्हैया कुमार ने ट्वीट किया, ‘जेएनयूएसयू हास्यास्पद समिति के आधार पर प्रशासन की ओर से दंड दिए जाने को खारिज करता है। अपने खिलाफ फैसले को ‘अस्वीकार्य’ करार देते हुए अनिर्बान और उमर ने आरोप लगाया कि प्रशासन की कार्रवाई आरएसएस की शह पर परेशान करने जैसी है।
जेएनयू ने नौ फरवरी के विवादास्पद कार्यक्रम के सिलसिले में कुमार पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है, जबकि पीएचडी स्कॉलर उमर और अनिर्बान को अलग अलग अवधियों के लिए निष्कासित कर दिया है।
जुर्माना और दंडित करने का जेएनयू का फैसला अस्वीकार्य: उमर, अनिर्बान
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