प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावों में पैसे और समय की बचत के लिए पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने का आइडिया दिया है. उन्होंने कहा कि पंचायत, शहरी निकायों, राज्यों और लोकसभा के चुनाव एक साथ कराए जाएं. इससे राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी लोगों से जुड़ने का ज्यादा वक्त मिलेगा.

सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने हाल ही में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में बताया कि उन्होंने बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इस प्रस्ताव की चर्चा की थी.

PM मोदी इसलिए चाहते हैं एक साथ चुनाव
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मीटिंग में मौजूद रहे बीजेपी के एक नेता ने कहा, 'प्रधानमंत्री इस बात पर चर्चा कर रहे थे कि राजनीतिक कार्यकर्ताओं का ज्यादातर समय चुनावों में बीत रहा है, इससे वह सामाजिक कार्यों को बहुत कम वक्त दे पाते हैं. प्रधानमंत्री चाहते हैं कि कार्यकर्ता ज्यादा से ज्यादा समय लोगों को सरकार की योजनाओं के बारे में बताने और उनके फायदे के लिए हो रहे कामों की जानकारी देने में बिताएं.'

उन्होंने कहा कि मोदी ने जब सर्वदलीय बैठक में यह आइडिया रखा तो ज्यादातर पार्टियों के नेता इससे सहमत थे. बीजेपी भी इसके पक्ष में है. बीजेपी नेताओं ने कहा कि जल्दी-जल्दी होने वाले चुनावों की वजह से राज्यों के साथ ही केंद्र सरकार के काम भी ठप पड़ जाते हैं. आचार संहिता लागू होने की वजह से विकास कार्यों की रफ्तार पर ब्रेक लग जाता है.

चुनावों में खर्च होते हैं करीब 4500 करोड़
बीजेपी नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री के आइडिया के मुताबिक पंचायत, शहरी निकायों, राज्यों और संसदीय चुनाव एक साथ कराए जाएं. इससे समय और पैसे दोनों की बचत होगी. चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक लोकसभा और विधानसभा के चुनावों में करीब 4500 करोड़ रुपये खर्च होते हैं.

बीजेपी ने चुनावी घोषणा पत्र में किया था वादा
दिलचस्प बात ये है कि बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में अपने घोषणा पत्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के योजना पर काम करने की भी बात कही थी.