जम्मू-कश्मीर के पंपोर में शनिवार को हुए आतंकी हमले में घायल हुए 23 वर्षीय कैप्टन पवन कुमार रविवार को शहीद हो गए। वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। उनके पिता ने राजबीर ने कहा कि वह बेटे की शहादत से फख्र महसूस कर रहे हैं। उन्होंने देश के लिए अपने इकलौते बेटे को न्योछावर किया है। इस बीच, शहीद कैप्टन पवन कुमार के पार्थिव शरीर को वायुसेना के विशेष विमान से जींद पहुंचा दिया गया, जहां उनका पूरे सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया जाएगा।

पवन का परिवार जींद के अर्बन स्टेट स्थित कोठी संख्या 3440 में रहता है। परिवार में माता -पिता और बुजुर्ग दादा हैं। पिता जींद के बुडाखेड़ा गांव स्थित सरकारी स्कूल में हेडमास्टर है जबकि मां कमलेश जींद के खोकरी गांव के सरकारी स्कूल में शिक्षिका है। पवन की शहादत की खबर आते ही परिवार और आसपास के इलाके का माहौल गमगीन हो गया। मां कमलेश का रो-रो कर बुरा हाल है। पिता को इसपर यकीन नहीं हो रहा है। हालांकि, उन्हें फख्र है कि बेटे ने देश के लिए अपनी

उन्होंने कहा, मैंने देश के लिए अपना इकलौता बेटा न्योछावर कर दिया। वह सैन्य दिवस के दिन पैदा हुआ था और वह सेना के लिए ही बना था। उसे बचपन से ही सेना में शामिल होने का शौक था। जहां पवन जख्मी हुए, वहां कुछ दिनों पहले भी दो कामयाब आॠपरेशन को अंजाम दे चुके थे। पवन ने तीन आतंकियों को ढेर किया था।

गौरतलब है कि पंपोर में शनिवार को हुए हमले के बाद 10 पैरा रेजिमेंट के कैप्टन पवन कुमार जवाबी कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें गोली लगी थी और रविवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।