इंदौर। मार्च 1979... अमिताभ बच्चन की फिल्में शहर के सिनेमाघर में लगी थी। तब अमिताभ की दीवानगी सर चढ़कर बोल रही थी। ऑटो चलाने वाले तीन दोस्त फिल्म देखना चाहते थे, लेकिन जेब में सिर्फ 20 पैसे थे। टिकट के लिए 60 पैसे की जरुरत थी। तब तीनों ने लूट की योजना बनाई और कोतवाली इलाके में एक राहगीर से 60 पैसे लूट लिए। मजे से फिल्म देखी और घर चले गए।

37 साल बाद उनकी इस दीवानगी पर पुलिस भारी पड़ गई। पुलिस ने एक को तो पकड़ लिया, दूसरे को शनिवार दिनभर तलाशती रही। तीसरा इस केस में दोषमुक्त हो चुका है। तीनों अब बड़े कारोबारी है। आजाद नगर थाने में लम्बे समय से फरार वारंटियों को पकड़ने की मुहिम में यह रोचक मामला सामने आया। वारंटियों को तलाश रहे पुलिस जवान प्रवेश सिंह और विश्वास ने बताया कि अमीर पिता नूर मोहम्मद निवासी कोहिनूर कॉलोनी का वारंट पर पता सिर्फ आजादनगर लिखा था।

यहां करीब एक लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। जन संवाद कार्यक्रम में वारंटियों पर चर्चा हुई तो एक मुखबिर ने अमीर का पता दिया। पते पर पहुंचे तो अमीर हाथ लग गया। टीआई केएल दांगी ने बताया राहगीर अबुबकर ने रिपोर्ट लिखाई थी कि अमीर, उसके दोस्त अमीन पिता नूर मोहम्मद और इकबाल अंडेवाला ने उस पर हमला कर 60 पैसे लूट लिए थे। अबूबकर अब इस दुनिया में नहीं है।

इकबाल बोले : उस दिन का वाकया सोचकर हंसी आती है

बॉम्बे बाजार में होटल मालिक बन चुके इकबाल ने बताया उस दिन का वाक्या सोचकर ही हंसी आती है। हम पर 60 पैसाें की लूट का आरोप लगाया था। लेकिन कहानी कुछ अलग है। अबु और अमीर दोनों रिश्तेदार है। उनके बीच पारिवारिक विवाद था।

इसी बात को लेकर अबु से अमीर की झूमाझटकी हुई थी और उसने थाने में केस दर्ज करा दिया था। कोर्ट ने 2014 में मुझे इस केस में दोषमुक्त कर दिया था। अमीर की गिरफ्तारी के बाद से श्रीनगर कांकड़ में रहने वाले अमीन घबराए हुए है। अब वे होटल मालिक हैं। उनका कहना है कि हमें आज तक कोई वारंट नहीं मिला। मिला होता तो पेश हो जाते।