नई दिल्ली : अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन के खिलाफ कांग्रेस की ओर से डाली गई याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। कांग्रेस ने अपनी याचिका में कहा है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के मामले में केंद्र का रवैया पक्षपातपूर्ण है।

पिछले शुक्रवार को केंद्र सरकार इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सफाई दे चुकी है। केंद्र का इस संबंध में कहना है कि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता है और ऐसे में पड़ोसी देश चीन से भी खतरा है। राज्यपाल की ओर से भी अपना पक्ष शीर्ष अदालत को दिया जा चुका है।

अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और 60 सदस्यों वाली अरुणाचल विधानसभा में कांग्रेस के पास 47 सदस्य थे, लेकिन इनमें से 21 विधायकों ने बगावत कर दी और सदन के डिप्टी स्पीकर को विधायक दल का नेता चुन लिया।

इन 21 विधायकों को भाजपा के 11 और 2 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन था। इसके साथ ही नबाम टुकी की सरकार अल्पमत में आ गई जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।