बसपा अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी पर अपने आदर्श पुरुष राम मनोहर लोहिया के उसूलों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि लोहिया जिंदा होते तो सपा मुखिया मुलायम को समाजवादियों की सूची से निकाल देते।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) पर अपने आदर्श पुरुष राम मनोहर लोहिया के उसूलों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि लोहिया जिंदा होते तो सपा मुखिया मुलायम को समाजवादियों की सूची से निकाल देते। मायावती ने अपने जन्मदिन के अवसर पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हर साल उनका जन्मदिन ‘जन कल्याणकारी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बसपा के कार्यकर्ता गरीबों, पिछड़ों और शोषित लोगों की मदद करते हैं लेकिन लोहिया के सिद्धान्तों के ठीक विपरीत सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन शाही तरीके से मनाया जाता है।

उन्होंने कहा कि हर साल मुलायम के जन्मदिन के शाही समारोह पर जनता का काफी धन खर्च कर दिया जाता है। इसकी आलोचना होने के बावजूद सपा मुखिया का कहना है कि अगर आज लोहिया होते तो इसे देखकर खुश होते, लेकिन इस बात में रत्ती भर भी दम नहीं है।

लोहिया और सपा के समाजवाद में जमीन-आसमान का फर्क बताते हुए मायावती ने कहा ‘‘अगर लोहिया आज जीवित होते तो जनता के धन की ऐसी बरबादी देखकर मुलायम को समाजवादियों की सूची से निकाल देते।’’ उन्होंने कहा कि प्रदेश के अनेक जिलों के किसान सूखे से परेशान हैं और उनकी मदद के लिये राज्य सरकार धन नहीं होने की बात कह रही है, वहीं सैफई महोत्सव में जनता का पैसा लुटाया जा रहा है।

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि दलितों के साथ सपा का बर्ताव लोहिया के सिद्धान्तों के खिलाफ है। लोहिया ने यह कभी नहीं कहा था कि दलित संतों, धर्मगुरुओं एवं महापुरुषों की निशानियों के साथ छेड़छाड़ की जाए। जनता जल्द ही इस पार्टी को सबक सिखाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून की जगह गुंडों और माफियाओं का राज है। यह चीज भी लोहिया के समाजवाद का हिस्सा नहीं है।