जयपुर| सरकारऔर पार्टी में हाशिए पर चल रहे भाजपा विधायक घनश्याम तिवाड़ी गुरुवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में पं. दीनदयाल स्मृति संस्थान के जरिए आगे की रणनीति की घोषणा करेंगे। भाजपा को दलालों से मुक्त कराने और कार्यकर्ताओं को खोया हुआ सम्मान दिलाने के दावे के साथ सुबह 10 बजे से शुरू होने वाले राज्य स्तरीय प्रतिनिधि सम्मेलन में तिवाड़ी मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के तौर पर मौजूद रहेंगे। उनके पुत्र और संस्थान के सचिव अखिलेश तिवाड़ी सम्मेलन के मुख्य आयोजनकर्ता हैं। अखिलेश तिवाड़ी पहले ही दावा कर चुके हैं कि इस कार्यक्रम में आने वाले दीनदयाल सेनानी भाजपा कार्यकर्ताओं का खोया सम्मान लौटाने का काम करेंगे। जरूरत पड़ने पर न्याय और राज्य हित के लिए राजनीतिक संघर्ष करेंगे। इस कार्यक्रम में ऐसे कार्यकर्ता आएंगे जो 30-40 सालों से भाजपा से जुड़े हैं और अब जिनके साथ अन्याय हो रहा है। वे पार्टी में खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। सम्मेलन के जरिए उन्हें संगठित करके नया जोश भरने का काम किया जाएगा।



संस्थान की ओर से प्रदेशभर में सालभर अभियान चलाया जाएगा। सम्मेलन में सुबह 10 बजे से रजिस्ट्रेशन प्रारंभ होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए 20 काउंटर लगाए जाएंगे। कार्यक्रम स्थल पर बिना रजिस्ट्रेशन प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।



सबसे पहले पं. दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन से संबंधित एक वीडियो दिखाया जाएगा। इसके बाद तिवाड़ी का उद्बोधन होगा। माना जा रहा है कि इस दौरान भाजपा के कई पूर्व विधायक, पूर्व जिला अध्यक्ष मौजूद रह सकते हैं।

भाजपा विधायक घनश्याम तिवाड़ी फिर विवादों में हैं। वजह है पं. दीनदयाल स्मृति संस्थान का 24 दिसंबर को जयपुर में होने जा रहा सम्मेलन। दरअसल यह सम्मेलन कहने को तो वैचारिक मंच है, लेकिन इस मंच के अपने सियासी मायने हैं। पार्टी और सरकार में हाशिए पर आए घनश्याम तिवाड़ी फाइनल लड़ाई लड़ना चाहते हैं।