बारपेटा सत्र के प्रमुख ने राहुल गांधी के इस दावे का खंडन किया कि उन्हें इस वैष्णव मठ में प्रवेश करने से रोका गया और कहा कि इस धार्मिक स्थल पर आरएसएस का कोई एजेंट नहीं है।

बारपेटा सत्र बुरा सत्रिय (प्रमुख) बक्षित देब शर्मा ने संस्कृति और धर्म के केंद्र को राजनीति से जोड़ने के मुख्यमंत्री के प्रयास को दुर्भायपूर्ण करार दिया लेकिन तरुण गोगोई अपने रुख पर कायम नजर आए।

शर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि सत्र में आरएसएस का कोई एजेंट नही है। यह एक धार्मिक स्थल है और यहां केवल धार्मिक गतिविधियां होती हैं। सत्र में राजनीति कहां से आ गयी। उन्होंने कहा कि यहां महिलाएं सरल हैं और वे सत्र में सामूहिक प्रार्थना में शामिल होने दिन में दो बार आती हैं। वे तो राहुल गांधी को देखने के लिए सत्र के गेट पर इंतजार भर कर रही थीं। उन्हें राजनीति के बारे में कुछ पता भी नहीं है।  

उन्होंने कहा कि गोगोई मुख्यमंत्री हैं और उनके द्वारा सत्र जैसे धर्म और संस्कृति के केंद्र को राजनीति से जोड़ना बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है। भविष्य में राजनीति और सत्र को आपस में नहीं जोड़ा जाना चाहिए।


गोगोई के इस दावे पर कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों द्वारा (सत्र की) किसी भी जमीन का अतिक्रमण नहीं किया गया, उन्होंने कहा कि गोगोई द्वारा महत्वपूर्ण मुद्दों को भुला दिए जाने से काम नहीं चलेगा।

उन्होंने कहा कि यहां हमारे सत्र (वैष्णव मठ) और मजूली द्वीप में भी सत्र की जमीन पर अतिक्रमण हुआ है।

लेकिन तरुण गोगोई ने कहा कि सत्र प्रमुख ने मुझसे कहा था कि राहुल गांधी को सत्र में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। आरएसएस ने उसके लिए उकसाया। उन्होंने कहा कि पहले कभी ऐसा नहीं सुना कि किसी को सत्र में प्रवेश करने से रोका गया। मैंने उनसे आज भी कहा कि उन्होंने (राहुल गांधी को प्रवेश करने से) क्यों रोका। सभी को प्रवेश का अधिकार है। यदि आरएसएस वहां नहीं है तब उनसे क्यों नहीं सवाल पूछा जाना चाहिए कि हमें क्यों अनुमति नहीं दी गई।

मुख्यमंत्री ने यहां एक बैठक के मौके पर संवाददाताओं से कहा कि हमें प्रवेश करने से रोक रहीं करीब 40-50 महिलाएं थीं। जब उनसे पूछा गया क्या वह महिलाओं से उन पर लगाए गए अपने आरोपों के लिए माफी मांगेंगे तो उन्होंने कहा कि मैं माफी क्यों मागूंगा। क्या उन्होंने जो हरकत की वह अच्छी थी या बुरी। सत्र की जमीन बांग्लादेशी प्रवासियों द्वारा अतिक्रमण किये जाने के आरोप पर उन्होंने कहा कि दिखाइए कहां।

उन्होंने कहा कि यदि वहां विदेशी हैं तो केंद्र सरकार बैठी क्यों है उन्हें उनके देश वापस भेजने से कौन रोक रहा है। गोगोई ने कल एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि भाजपा और आरएसएस ने बारपेटा सत्र के द्वार पर महिलाओं को आगे कर राहुल गांधी को अंदर नहीं जाने देने की साजिश की थी।

उन्होंने कहा था, यह आरएसएस की साजिश है जो सत्र में घुस आई है। हमें सुबह में इसके बारे में पता चला और इसके बारे में राहुल गांधी को बताया गया। उन्होंने कहा कि हम टकराव टालना चाहते थे अतएव हम सुबह में अपने पास महिला पुलिसकर्मी होने के बावजूद भी दर्शन करने नहीं गए।

राहुल गांधी ने आज दावा किया कि असम की हाल की उनकी यात्रा के दौरान उन्हें आरएसएस कार्यकर्ताओं ने बारपेटा सत्र जाने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह भाजपा की राजनीति की शैली है जो अस्वीकार्य है।