भोपाल। केंद्र सरकार के पेट्रोलियम तथा विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पेसो) ने पेटलावद विस्फोट कांड में कलेक्टर और एसपी की लापरवाही बताई है। यह बात आज आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने एक पत्रकार वार्ता में दी और कहा कि इस संबंध में संगठन और राज्य शासन के बीच पत्राचार भी हुआ। उन्होंने मांग की कि इस संबंध कलेक्टर और एसपी सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए।

दुबे ने पत्रकार वार्ता में विस्फोटक नियंत्रक की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के दस्तावेज भी पेश किए। यह रिपोर्ट घटना के एक दिन बाद ही 12 सितंबर 2015 को दे दी गई थी। उन्होंने कहा कि कलेक्टर और एसपी के पास विस्फोटक और ज्वलनशील सामग्री के स्टाक सहित गतिविधियों की जानकारी के लिए पैसों की बेवसाइट का पासवर्ड होता है लेकिन कलेक्टर और एसपी ने इसे नजरअंदाज किया। मगर राज्य शासन ने अपने अफसरों पर कार्रवाई करने के बजाय 16 सितंबर 2015 को पैरों के प्रमुख को पत्र लिखकर उनके अधिकारियों को दोषी करार देने की कोशिश की। साथ ही पैसों द्वारा घटनास्थल से लिए गए सबूतों की 50 दिन बीतने के बाद भी रासानियक जांच भी सागर एफएसएल ने नहीं की है जिससे अपराधियों को लाभ मिलने की आशंका है।

अजय दुबे ने सिंगरौली के 5 जुलाई 2009 हादसे को लेकर भी सरकार की लेटलतीफी का हवाला दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि आज तक न तो उस घटना की मजिस्ट्रियल जांच और प्रमुख सचिव श्रम की अध्यक्षता में बने जांच आयोग की रिपोर्ट ही नहीं आई है। इस घटना में भी 18 लोग मारे गए थे और करीब 44 घायल हो गए थे।