रतलाम ।     दीपावली के एक सप्ताह के अवकाश के बाद शनिवार को लाभ पंचमी पर महू रोड स्थित कृषि उपज मंडी (अनाज मंडी) खुली व मुहूर्त के सौदे किए गए। पहले दीप मिलन समारोह हुआ, उसके बाद मुहूर्त के सौदे किए गए। मुहूर्त में सोयाबीन का सौदा 8001 रुपये क्विंटल में हुआ। वहीं गेहूं मुहूर्त 3501 रुपए क्विंटल में बिका। इस दौरान व्यापारियों व किसानों का सम्मान किया गया। रतलाम मंडी व्यापारी संघ द्वारा मंडी परिसर में आयोजित दीप मिलन समारोह में सुबह सवा दस बजे आरती की गई। इसके बाद दीप प्रजवलित कर मुख्य अतिथि शहर विधायक चैतन्य कश्यप व विशेष अतिथि महापौर प्रहलाद पटेल ने समारोह का शुभारंभ किया। संघ अध्यक्ष विनोद जैन लाला, उपाध्यक्ष कांतिलाल खंडेलवार व सैयद मुख्तियार अली, सचिव राकेश राठी, कोषाध्यक्ष सुरेश तलेरा, सहसचिव हितेश बाफना, मंडी सचिव एमएल मुनिया आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। दोपहर सवा 12 बजे मुहूत का सौदा हुआ। सबसे ऊंची बोली लगाकर चौहान ट्रेडर्स के व्यापारी मुश्ताक एहमद ने किसान जितेंद्रसिंह गोयल निवासी ग्राम बड़ोदिया के सोयाबीन की खरीदी कर मुहूर्त में सौदा किया। वहीं मुहूर्त में संयम ट्रेडर्स के व्यापारी राजेश जैन ने सबसे ऊंची बोली लगाकर किसान बापूलाल राठौर निवासी ग्राम पलसोड़ा का गेंहूं खरीद कर मुहूर्त का सौदा किया।

खेती पर निर्भर है आम बाजार की रौनक

समारोह को संबोधित करते हुए विधायक कश्यप ने का कहा कि खेती व बाजार एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। खेती से ही आम बाजार की रौनक रहती है। खेती अच्छी होती है तो बाजार में रौनक आती है। व्यापारियों की मेहनत व अपनी विश्वनीयता कायम करने से रतलाम मंडी की विश्वसनीयता हर क्षेत्र में बड़ी है। महापौर प्रहलाद पटेल ने कहा कि सिंचाई क्षेत्र बढ़ता जा रहा है। कनेरी डैम से भी सिंचाई के लिए काफी पानी मिलेगा। इससे जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में खेती को फायदा हो गया। आने वाले समय में जिले की खेती पंजाब की तरह नजर आएंगी। किसानों को फसल चक्र के हिसाब से लेना चाहिए व बदल-बदल कर फसलों का उत्पादन करना चाहिए। इससे उन्हें उचित मूल्य मिलेगा।

मुहूर्त का सौदा खुशहाली व समृद्धि का प्रतीक

हर वर्ष दीपावली अवकाश के बाद लाभ पंचमी पर मुहूर्त के सौदे होते है। इस बारे में व्यापारियों का कहना है कि हर साल लाभ पंचमी पर मुहूर्त के सौदे व्यापार का नए सिरे से आगाज माना जाता है व एक तरह से व्यापारिक नव वर्ष की शुरुआत भी होती है। व्यापारी व किसान मुहूर्त में सौदा करने को बेहतर, खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक मानते हैं। उनका मानना है कि शुभ मुहूर्त में सौदा करने से वर्ष भर बेहतर व्यापार रहता है। इसलिए व्यापारी ऊंची बोली लगाकर मुहूर्त के सौदे करते हैं।