बड़वानी ।  मंडी व्यापारियों की हड़ताल के चलते किसानों की कपास की उपज की खरीदी नहीं हो पा रही है।दीपावली के त्योहार के ऐन मौके पर खरीदी नहीं होने से किसानों में रोष गहरा गया है।शुक्रवार को अंजड़ मंडी में पहुंचे किसानों ने यहां पर जमकर विरोध जताया।दिनभर चर्चा व बैठकों के बाद भी जब कोई निर्णय नहीं हुआ तो शाम छह बजे मंडी के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया।उन्हें समझाने आए अधिकारियों को मंडी परिसर में ही घेर लिया।किसानों ने एसडीएम के वाहन के सामने लेटकर रोष जताया और खरीदी जल्द शुरू कराने की मांग की।देर शाम तक किसानों का आंदोलन लगातार जारी रहा। गौरतलब है कि पिछले चार दिनों से जारी कपास व्यवसायियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण किसानों को दोहरी कठिनाई से जूझना पड़ रहा है। कपास की खरीदी बंद होने के कारण कपास मंडी में नहीं ला रहे हैं।वहीं कपास की आवक नहीं होने के कारण मंडी में कामकाज पूरी तरह ठप है। कपास व्यवसायियों की हड़ताल के कारण किसानों के साथ साथ जीनिंग व श्रमिकों के सामने बेरोजगारी का खतरा मंडरा रहा है। मंडी बंद होने के कारण किसान अपने घरों व परिसरों में कपास की उपज को सहेजने में परेशानियों से दो चार हो रहे हैं। बीते समय लगातार वर्षा होने के कारण खेतों में समय से कपास की चुनाई नहीं हो पा रही है। कपास के पौधों, जड़ों व घेटों में सड़न लग गई है। जिसके कारण कपास का उत्पादन भी 30 से 40 प्रतिशत कम होने की आशंका है। शुक्रवार को अंजड कृषि उपज मंडी में 9 बैलगाड़ियों, 3 ट्रैक्टर व एक रिक्शा में कपास विक्रय के लिए लाए किसानों ने रोष जताया।किसानों से चर्चा करने पहुंचे राजपुर एसडीएम वीरसिंह चौहान के सामने किसानों ने रोष जताया।किसानों ने व्यापारियों को बुलवाकर खरीदी शुरू कराने की मांग की। किसानों ने कहा कि वे उपज लेकर वापस नहीं जाएंगे। कम भाव भी नहीं लेंगे।इस दौरान किसान सचिन यादव ने एसडीएम वीरसिंह चौहान के पैर पकड़ लिए।वहीं दूसरे किसान वाहन के सामने लेट गए। सूचना पर तहसीलदार भागीरथ वांखला और थाना प्रभारी सोनू सिटोले भी मौके पर पहुंची।काफी देर तक चर्चा व हंगामा जारी रहा।देर शाम तक इसका कोईे निराकरण नहीं हो पाया।