उज्‍जैन ।   राजाधिराज महाकाल की नगरी उज्‍जयिनी बसी भले ही मृत्युलोक में है, किंतु इसका मन इन दिनों मानो आकाश हुआ जा रहा है। कालों के काल महाकाल की यह नगरी 11 अक्‍टूबर को होने वाले नवनिर्मित 'महाकाल लोक' के लोकार्पण उत्‍सव के लिए व्‍याकुल हो चली है। कभी वह नव्‍य-भव्‍य लोक को निहारती है, तो कभी अपने राजाधिराज महाकालेश्‍वर को प्रणाम करती है। पूरी नगरी मानो पैरों में संस्कृति के घुंघरू बांधकर, जटाओं में आस्‍था का जूड़ा बनाकर और चेहरे पर पुलकाव‍ली लिए तैयार हो गई है। इधर बाबा महाकाल का लोक भी डमरू साधकर सज गया है। यहां के प्रत्‍येक नागरजन ने मानो देह पर आतुरता की उत्‍सवी भस्‍म रमा ली है। चहुंओर बस उत्‍सव ही उत्‍सव है। जैसा उल्‍लास 12 वर्ष में एक बार आने वाले सनातन धर्म के महान मेले सिंहस्‍थ का होता है, वैसा ही उल्‍लास उज्‍जैन के रोम-रोम में है। इसका कण-कण शंकर हो चला है। अब बस 11 अक्‍टूबर के सूर्य की प्रतीक्षा है। उस दिन प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी नवनिर्मित महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद भारत का लोक-जीवन अपने महादेव की गाथाएं देखने यहां पहुंचने लगेगा।

बड़े भाई की तरह इंदौर ने संभाली व्‍यवस्‍था

महाकाल का उत्‍सव पूरे भारत का उत्‍सव है, इसलिए उज्‍जैन की व्‍यवस्‍थाएं संभालने और पुण्‍य कमाने के लिए इंदौर भी यहां दौड़ा चला आया है। बीते दो दिन से उज्‍जैन की सफाई व्‍यवस्‍था, लाइटिंग, साज-सज्‍जा, सड़क के बीच डिवाइडर की हरियाली ठीक करने, दीवारों पर रंगरोगन करने, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जगह-जगह दिशानिर्देश के हा‍ेर्डिंग लगाने जैसे काम इंदौर नगर निगम की टीम ने संभाल लिए हैं। बड़े भाई की तरह व्‍यवस्‍थाजन्‍य चीजें इंदौर के संभाल लेने से उज्‍जयिनी का पूरा मन अब महाकाल लोक की अंदरुनी तैयारी, प्रधानमंत्री के आगमन, विद्वानों के सत्‍कार और आम जनमानस के स्‍वागत में लग गया है।

उज्‍जैन से इंदौर तक युद्धस्‍तर पर काम

संभावना है कि प्रधानमंत्री मोदी 11 अक्‍टूबर को महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद सड़क मार्ग से इंदौर जा सकते हैं। इस संभावना को मध्‍य प्रदेश सरकार सत्‍य मानकर युद्धस्‍तर पर जुटी है। उज्‍जैन से इंदौर की ओर जाने वाली सड़क को चमका दिया गया है। पूरे 55 किमी हिस्‍से में बिजली के नए अस्‍थायी खंभे लगाकर रोशनी के प्रबंध किए जा रहे हैं। डिवाइडर पर नए पौधे रोप दिए गए हैं। सड़क पर अचानक मवेशी न आ जाए इसलिए तार फेंसिंग की जा रही है। इंदौर व उज्‍जैन नगर निगम सहित शासन के अन्‍य तमाम विभागों का अमला प्राणपण से जुटा हुआ है। यद्यपि इतना काम होते देख लोग चुटकी भी ले रहे हैं कि सरकारी विभाग इतना काम यदि हमेशा करें तो मध्‍य प्रदेश स्‍वर्ग बन जाए।

महाकाल लोक में फिनिशिंग टच

बीते करीब छह वर्षों से चल रहा महाकाल लोक के पहले चरण का काम अब पूरा हो गया है। रविवार को फिनिशिंग टच देते हुए नवनिर्मित परिसर को सौ फीसदी सजा लिया गया। छोटी से छोटी बात पर अत्‍यंत सूक्ष्‍मता से ध्‍यान दिया जा रहा है। हालिया दौर की बारिश से महाकाल लोक में जो अव्‍यवस्‍थाएं हुई थीं, उन्‍हें भी ठीक कर लिया गया है।

मंदिरों में साफ-सफाई, लाइव देखने की तैयारी

महाकाल के अलावा उज्‍जैन के अन्‍य मंदिरों में भी साफ-सफाई, साज-सज्‍जा सहित अन्‍य तैयारियां जोरों पर हैं। भगवान की प्रतिमाओं को नए वस्‍त्र पहनाए जा रहे हैं। बारिश से बदरंग हुई दीवाराें पर रंगरोगन किया गया है। 11 अक्‍टूबर के लिए फूलों व फलों के आर्डर दे दिए गए हैं, ताकि उस दिन मंदिर खूब सजें भी और भगवान को भोग लगाने के बाद श्रद्धालुओं को फलों का प्रसाद वितरित किया जाए। मंदिरों में लोकार्पण समारोह लाइव देखने के लिए टीवी लगाने की व्‍यस्‍थाएं भी की जा रही हैं।

आसपास के शहरों से पहुंचने लगे रिश्‍तेदार

सनातन धर्म का मूल हैं उत्‍सव और यदि उत्‍सव भी महादेव का हो तो फिर श्रद्धालु उसमें शामिल होने से कैसे चूक सकते हैं। यही वजह है कि उज्‍जैन में रहने वाले लोगों के घरों में इन दिनों आसपास के शहरों में रहने वाले रिश्‍तेदारों का आगमन शुरू हो गया है। इंदौर, रतलाम, मंदसौर, नीमच, देवास, शाजापुर, भोपाल सहित अन्‍य नगरों, गांवों से लोग दो दिन की योजना बनाकर उज्‍जैन पहुंच रहे हैं। इस योजना में सोमवार को शिप्रा स्‍नान व महाकाल दर्शन तथा मंगलवार को प्रधानमंत्री की सभा में शामिल होना व कैलाश खेर द्वारा गाया जाने वाला 'महाकाल गान' सुनना शामिल हैं। 11 अक्‍टूबर को उज्‍जैन में प्रशासन ने स्‍थानीय अवकाश भी घोषित किया है।