उज्जैन ।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, 11 अक्टूबर को ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के नवविस्तारित क्षेत्र ' श्री महाकाल लोक" का लोकार्पण करने उज्जैन आ रहे हैं। वे उज्जैन आने वाले देश के चौथे प्रधानमंत्री हैं। उनके पहले सन 1959 में पंडित जवाहरलाल नेहरू, 1977 में मोरारजी देसाई और 1988 में राजीव गांधी आए थे। मोदी, ढाई दशक में पांच बार उज्जैन आ चुके हैं। प्रधानमंत्री के रूप में उनकी उज्जैन यात्रा दूसरी बार हो रही है। इसके पहले वे महाकुंभ सिंहस्थ- 2016 के दरमियान शहर से सटे निनोरा गांव में रखे वैचारिक कुंभ में आए थे। तब उन्होंने विश्व को शांति, अहिंसा, सद्भाव और प्रेम का संदेश दिया था। ग्लोबल वार्मिंग और आतंकवाद को विश्व की सबसे बड़ी समस्या बताया था। हालांकि उस समय वे महाकाल मंदिर नहीं गए थे। नरेन्द्र मोदी पहली बार सन् 1998 में आए थे, तब वे मध्यप्रदेश के भाजपा प्रभारी थे। बाद में जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब साल 2004 में सिंहस्थ के दरमियान पर्व स्नान करने राम घाट आए थे। फिर 2011 में कालिदास संस्कृत अकादमी में रखे स्कूल चलें हम अभियान कार्यक्रम में आए थे। साल 2013 में दो बार, नानाखेड़ा स्टेडियम और टावर चौक पर रखी भाजपा की चुनावी सभा को संबोधित करने आए थे। वे इस दरमियान दो मर्तबा ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में अभिषेक- पूजन भी कर चुके हैं। तय कार्यक्रम अनुसार वे शाम पांच बजे हेलिकाप्टर से उज्जैन आएंगे। सीधे महाकालेश्वर मंदिर जाकर अभिषेक-पूजन करेंगे। तत्पश्चात 'महाकाल लोक" का लोकार्पण कर कार्तिक मेला मैदान पर रखी धर्म सभा को संबोधित करेंगे। उसके बाद अनुकूलता रही तो वे हेलिकाप्टर से इंदौर जाएंगे और अनुकूलता नहीं रही तो वे मार्ग से इंदौर एयरपोर्ट जाएंगे। वे वहां से दिल्ली रवाना होंगे। उनके कार्यक्रम में शिप्रा पूजन भी जोड़ने का प्रस्ताव प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्रसिंह दे चुके हैं। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है। अंतिम कार्यक्रम सोमवार को जारी हो सकता है।