इंदौर ।   उज्जैन में महाकाल लोक का शुभारंभ करने आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इंदौर से उज्जैन की यात्रा हेलीकाप्टर से करेंगे या सड़क मार्ग से जाएंगे, यह मौसम के साफ होने पर निर्भर होगा। सुरक्षा एजेंसियां और जिला प्रशासन इसकी तैयारी में जुट गए हैं। जानकारी के अनुसार, 11 अक्टूबर को इंदौर में मौसम खराब रह सकता है। अब तक के तय कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री अपने विमान से इंदौर आएंगे। इसके बाद वे वायुसेना के हेलीकाप्टर से उज्जैन जाएंगे और वहां ढाई से तीन घंटे तक रहेंगे। वापसी में शाम हो जाएगी और सुरक्षा की दृष्टि से हेलीकाप्टर रात को सफर नहीं करते, इसलिए प्रधानमंत्री को रात में सड़क मार्ग से इंदौर लाने की तैयारी है। शनिवार को एसपीजी और जिला प्रशासन के अधिकारियों की बैठक हुई जिसमें तैयारी पर चर्चा की गई। मामले में रिहर्सल 10 अक्टूबर को की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि बैठक में भी मौसम पर चर्चा हुई है। इसमें कहा गया है कि अगर मौसम ठीक नहीं रहा तो प्रधानमंत्री को इंदौर से उज्जैन सड़क मार्ग से ही लाया ले जाया जाएगा। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय 11 अक्टूबर को ही लिया जाएगा। जिला प्रशासन ने इस संबंध में भी तैयारी शुरू कर दी है।

11 अक्टूबर को दोपहर दो बजे बंद हो जाएगा इंदौर-उज्जैन मार्ग

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन के लिए रोड मैप तैयार हो चुका है। शनिवार को अफसरों ने इंदौर-उज्जैन मार्ग का दौरा किया। इस मार्ग पर यातायात संभालने के लिए 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी व अधिकारी तैनात रहेंगे। ट्रैफिक डीसीपी (एसएसपी) महेशचंद जैन के मुताबिक, प्रधानमंत्री महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद सड़क मार्ग से इंदौर आएंगे। सुरक्षा की दृष्टि से 11 अक्टूबर को दोपहर दो बजे से लवकुश चौराहा इंदौर से उज्जैन और उज्जैन से इंदौर के बीच सभी चार पहिया वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। उज्जैन जाने वाले वाहनों को देवास होते हुए जाना होगा। डीसीपी के मुताबिक, परिस्थिति को देखते हुए दोपहिया वाहनों के आने जाने पर भी रोक लगाई जा सकती है।

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए अधिग्रहित होंगी 400 बसें

उज्जैन में महाकाल लोक का लोकार्पण करने आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम के लिए परिवहन विभाग 400 बसें अधिग्रहित करेगा। विभिन्न मार्गों पर चलने वाली बसों के अलावा शैक्षणिक संस्थानों की बसें भी ली जाएंगी। कुछ बसें उज्जैन प्रशासन को भी दी जाएंगी। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इंदौर से 400 बसें अधिग्रहित की जाएंगी। 250 बसें इंदौर से लोगों को लेकर जाएंगी, जबकि 150 बसें उज्जैन जिला प्रशासन को उपलब्ध करवानी है। वहां के प्रशासन को 500 बसें अधिग्रहित करना है लेकिन वहां पर बसें कम होने से यहां से बसें दी जाएंगी। बसें अधिग्रहित करने से मार्गों पर तो यात्रियों को परेशानी का सामना करना ही पड़ेगा, स्कूलों और कालेजों से बसें लेने पर बच्चों को भी परेशानी उठानी पड़ेगी।